यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा उपायों को पूरा करने के लिए टोल टैक्स की दरें बढ़ाने की तैयारी है। एक्सप्रेस-वे पर 24 बिंदुओं पर एक साल में काम पूरा कराने के लिए सहमति बनी है। सितंबर से ये काम शुरू होंगे। इसमें सबसे बड़ा काम क्रैश बीम लगाने का है। इसमें करीब 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यमुना एक्सप्रेस-वे पर फास्टैग रीडर लगाने के लिए भी कहा गया है।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षित सफर के लिए कई उपाय किए जाने हैं। इसको लेकर यमुना प्राधिकरण में मंगलवार के अलावा एनबीसीसी, एनसीएलटी व जेपी कंपनी के प्रतिनिधि शामिल हुए। यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के लिए दिल्ली आईआईटी से सुरक्षा ऑडिट कराया गया था। उसके सुझावों पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। आईआईटी ने 18 उपाय बताए थे, जबकि 6 काम नियमित प्रक्रिया वाले हैं। इन कामों को कराने के लिए बैठक में चर्चा हुई।
प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा कि आईआईटी की रिपोर्ट में दिए गए उपायों को सितंबर 2021 तक पूरा किया जाए। इन उपायों को पूरा कराने में 140 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें 90 करोड़ रुपये क्रैश बीम पर ही खर्च होंगे।
जेपी इंफ्राटेक कंपनी का मामला एनसीएलटी में चला गया था। अब यह एनबीसीसी के पास आ गया है। इसके चलते काम नहीं हो पाए। कोरोना काल में हाईवे पर वाहनों की आवाजाही में कमी आई है, इसलिए इन कामों को कराने के लिए टोल टैक्स बढ़ाया जाएगा। यह दर कितनी बढ़ेगी, अभी यह तय नहीं हो पाया है। हालांकि, प्राधिकरण ने कहा है कि सबसे पहले प्रथम चरण के सुरक्षा उपायों पर अमल करने के लिए 30 करोड़ रपुये एस्क्रो खाते में जमा किए जाएं। इसके बाद टोल बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
”यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा उपायों को पूरा करने के लिए टोल बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। 24 बिंदुओं पर काम पूरा कराने के लिए सहमति बनी है। सितंबर से काम शुरू हो जाएंगे। आईआईटी की रिपोर्ट में दिए गए उपायों को सितंबर 2021 तक पूरा किया जाए। इसको पूरा कराने में 140 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।” – डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण