ब्यूरो,
खालिस्तानी कमांडो फोर्स के थे पीलीभीत एनकाउंटर में मारे गए आतंकी -दो एके-47 गन,
दो ग्लॉक पिस्टल, 100 के करीब कारतूस और एक बाइक मिली – पूरे पीलीभीत में अलर्ट जारी
मारे गए तीनों आतंकियों की उम्र 18 से लेकर 25 वर्ष के बीच थी। उन पर पंजाब के गुरुदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड और बम फेंकने का आरोप था। उनके पास से दो एके-47 गन, दो ग्लॉक पिस्टल, 100 के करीब कारतूस और एक बाइक मिली है। इस एनकांउटर के बाद पूरे पीलीभीत में अलर्ट जारी किया गया है।
यूपी के पीलीभीत में एनकांउटर में मारे गए आतंकवादी खालिस्तान कमांडो फोर्स से बताए जा रहे हैं। सोमवार की सुबह मारे जाने से पहले खालिस्तानी आतंकवादियों ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की। उनके इरादे खतरनाक थे। उनके पास से दो एके-47 गन, दो ग्लॉक पिस्टल और 100 के करीब कारतूस मिलने से यह आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये तीनों कुछ और प्लान लेकर तो यूपी नहीं आए थे? या फिर पंजाब के गुरुदासपुर में पुलिस चौकी पर हमले के बाद पुलिस के पीछे लगने के चलते ही ये राज्य की सीमा पार कर छिपने के लिए यूपी आ गए थे। मारे गए तीनों आतंकियों की उम्र 18 से लेकर 25 वर्ष के बीच थी। उन पर पंजाब के गुरुदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड और बम फेंकने का आरोप था। एनकांउटर के बाद पूरे पीलीभीत में अलर्ट जारी किया गया है।
गुरुदासपुर के सरहदी कस्बे के कलानौर थाने की चौकी बक्शीवाल पर 19 दिसम्बर को यह ग्रेनेड अटैक हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर ली थी। पुलिस चौकी पर हमले के बाद गुरुदासपुर में पंजाब पुलिस ने एक ऑटो को कब्जे में लिया था। बताया गया कि उस ऑटो की मदद से ही आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका था। तीनों आतंकियों का सुराग लगने के बाद से पंजाब पुलिस उनके पीछे पड़ी थी। सीसीटीवी और टोल आदि से 18 वर्षीय जनसप्रीत सिंह, 23 वर्षीय वीरेंद्र सिंह और 25 वर्षीय गुरविंदर सिंह का पीछा करते-करते पंजाब पुलिस यूपी आ गई थी। यहां पीलीभीत में पंजाब पुलिस ने लोकल पुलिस से संपर्क साधा। तीनों कितने खतरनाक थे यह इस बात से भी समझा जा सकता है कि पीलीभीत में घेराबंदी किए जाने और आतमसमर्पण के लिए ललकारे जाने के बाद भी उन्होंने हथियार नहीं डाले। बल्कि इसके जवाब में ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की गाड़ी पर गोलियों के निशान इसकी पुष्टि कर रहे हैं।
पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडेय ने एनकाउंटर के बाद मीडिया को बताया कि सुबह जब पता चला कि तीनों आतंकी पूरनपुर क्षेत्र में छिपे हुए हैं। पुलिस ने उन्हें ढूंढना शुरू किया तो एक पिकेट पर पता चला कि संदिग्ध प्रवृति के तीन युवक एक बाइक पर पीलीभीत की ओर जा रहे हैं। थाने के द्वारा कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। जिले में नाकेबंदी कर दी गई। इसके बाद मैं (एसपी) खुद, एसओजी और सर्विलांस टीम भी रवाना हो गई। पूरनपुर थाने की पुलिस पीछा करते हुए जब निर्माणाधीन पुल के पास पहुंची तो ये तीनों दाहिनी तरफ माथोटांडा की ओर मुड़ गए। थोड़ी दूर जाकर जब इन्हें ललकारा गया तो इन्होंने इसका जवाब हैवी फायरिंग से दिया। जवाबी फायरिंग में तीनों को गोली लगी। पुलिस ने उन्हें तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर ले गई। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया था। यहां पर तीनों की मृत्यु हो गई है। एसपी ने बताया कि इनसे एक चोरी की बाइक, दो एके-47 और दो फारेन मेड ग्लास पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस रिकवर हुई है। इन्होंने पुलिस पर बहुत ही अंधाधुंध फायरिंग की थी। एनकाउंटर में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिसना सीएचसी पर प्राथमिक उपचार किया गया। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल लाया गया है। दोनों खतरे से बाहर हैं।
जसप्रीत, वीरेंद्र और गुरविंदर से मुठभेड़ में एसओजी में तैनात सिपाही शाहनवाज और माथोटांडा में तैनात सिपाही सुमित राठी घायल हुए हैं। दोनों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पीलीभीत पुलिस के अनुसार आतंकियों के पास से मिली बाइक चोरी की थी। पुलिस अब आतंकियों के पीलीभीत कनेक्शन को भी खंगालने का प्रयास कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि तीनों का पीलीभीत आना सिर्फ एक संयोग था या फिर यहां भी उनका कोई संपर्क काम कर रहा है।