भारतीय रेलवे ने रैकों का एक मानकीकरण तय करने का निर्णय लिया है। अब शताब्दी, राजधानी, मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में कोच की संख्या निर्धारित होगी। पहले जहां शताब्दी, तेजस में (डबल डेकर को छोड़कर) कुल 12 से 14 कोच चलते थे। अब इस वर्ग की ट्रेन में कुल 18 कोच चलेंगे।
रेलवे बोर्ड के मुताबिक, इस व्यवस्था से ट्रेन के समय में सुधार होगा। जैसे अगर एक जगह से कोई शताब्दी ट्रेन आने में देरी हो रही है तो पहले से स्टेशन पर खड़ी दूसरी शताब्दी ट्रेन को उस रूट पर भेजा जा सके। इससे ट्रेन समय पर रवाना होंगी। यात्रियों को घंटों इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। फिलहाल यह केवल एलएचबी कोच की ट्रेन में होगा।
जनशताब्दी को छोड़कर :–
डे सर्विस नॉन प्रिमियम इंटरसिटी टाइप (जनशताब्दी हो छोड़कर) ट्रेनों में 20 कोच होंगे। लंबी दूरी की प्रिमियम ट्रेन जैसे राजधानी, एसी दूरंतो एसी एक्सप्रेस (हमसफर व गरीब रथको छोड़कर) कुल 22 कोच होंगे लंबी दूरी की नॉन प्रिमियम में 22 कोच होंगे।
नई व्यवस्था के बाद जिन जोन व मंडलों में पिट लाइन, प्लेटफॉर्म छोटी लंबाई के हैं उन्हें दुरुस्त किया जाए। नए मानकीकरण के मुताबिक बुनियादी ढांचागत विकास किया जाए। जिससे अधिकतम 22 कोच की ट्रेन सभी जगहों पर चल सके।
किसमें कितने कोच :–
– पूरी तरह वातनुकूलित शताब्दी, तेज में 14 चेयर कार कोच, दो- दो पावर कार व एग्जिक्यूटिव चेयर कार कोच होंगे।
– इंटरसिटी सेवाओं में सेकेंड सिटिंग 12 कोच, आरक्षित 4, एसी चेयर कार 2, पावर कार व लगैज के लिए एक-एक कोच होगा।
– लंबी दूरी की नॉन प्रिमियम में सात स्लीपर, प्रिमियम में 3एसी के 12 कोच होंगे।