देश के पहले कोरोना टीके ‘कोवैक्सीन’के परीक्षण की तैयारी शुरू हो गई हैं। आईसीएमआर के सूत्रों ने कहा कि अभी टीके का परीक्षण आरंभ नहीं हो पाया है तथा जिन संस्थानों में इसका परीक्षण होना है, उनकी एथिक्स कमेटी से मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। समझा जाता है कि अगले कुछ दिनों में सभी 12 अस्पतालों में परीक्षण आरंभ हो जाएंगे।
पिछले महीने ड्रग कंट्रोलर ने इस टीके के पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण की मंजूरी प्रदान की थी। इसे एनआईवी पुणे की मदद से भारत बायोटैक ने तैयार किया है तथा एम्स समेत देश के 12 अस्पतालों में मनुष्यों पर इसके पहले चरण के ट्रायल होने हैं। पहले चरण में देखा जाता है कि मानव शरीर को दवा कोई नुकसान तो नहीं कर रही।
आईसीएमआर ने इन अस्पतालों को कहा था कि सात जुलाई तक वे परीक्षण के लिए स्वस्थ लोगों का पंजीकरण कर लें। कई केंद्रों पर यह कर लिया गया है तथा कई केंद्रों पर अभी यह कार्य पूरा नहीं हुआ है। इसके अलावा कई संस्थानों की एथिक्स कमेटी ने मंजूरी नहीं दी है। मंजूरी मिलने के बाद ही परीक्षण शुरू किए जाएंगे।
सूत्रों ने यह भी कहा कि टीके को जांच के लिए सेंट्रल ड्रग रिसर्च लेब्रोटरी कसौला भेजा गया है जिसकी मंजूरी के बाद ही इसका इंसानों में परीक्षण किया जा सकता है। यह एक नियमित प्रक्रिया है लेकिन इसका पालन जरूरी है। इस संबंध में भारत बायोटैक से स्थिति जानने की कोशिश की गई लेकिन उसने कोई जानकारी साझा नहीं की।
बता दें कि इस टीके पर विवाद तब शुरू हुआ था जब आईसीएमआर प्रमुख का एक पत्र सामने आया था जिसमें इसे 15 अगस्त तक लोगों के लिए तैयार करने को कहा गया था। इस पर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी और आईसीएमआर ने सफाई दी कि 15 अगस्त की तारीख प्रक्रिया को फास्ट ट्रैक करने के उद्देश्य से दी गई थी।