राजधानी पटना से इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है, जहां एनएमसीएच में भर्ती 3 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। मरने वाले तीनों मरीज क्रमश पटना, नालंदा और आरा के निवासी बताए जा रहे हैं। एनएमसीएच अस्पताल अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने बताया कि तीनों मरीज पहले से डायबिटीज, हाइपरटेंशन और किडनी जैसे बीमारी से ग्रसित थे।
एम्स पटना जल्द ही कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में तब्दील हो जाएगा। यहां सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच और इलाज होगा। अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए अब 50 की बजाय 500 बेड उपलब्ध होंगे। अस्पताल प्रशासन इसकी तैयारी पूरी कर चुका है। अगले तीन से चार दिनों में इसकी घोषणा भी हो जाएगी। इसके बाद यहां कोरोना के सिवा अन्य किसी भी बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज अगले आदेश तक बंद रहेगा। फिलहाल एम्स में कोरोना आइसोलेशन वार्ड में संक्रमितों के लिए 50 बेड उपलब्ध हैं। कोरोना अस्पताल में तब्दील करने के लिए निदेशक की अध्यक्षता में अधीक्षक व एम्स के वरीय चिकित्सकों की एक बैठक हो चुकी है। बैठक में शामिल एक वरीय चिकित्सक के अनुसार, संस्थान को कोरोना अस्पताल में बदलने का निर्णय ले लिया गया है। जल्द ही यह कोरोना अस्पताल में तब्दील हो जाएगा।
पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पीजी डॉक्टर के संक्रमित पाए जाने के बाद साथी डॉक्टरों व टेक्नीशियनों में दहशत है। संक्रमण के डर के कारण विभाग व लैब को सैनेटाइज कराने की मांग कर रहे हैं। संक्रमित पाए जाने से पहले डॉक्टर पिछले एक सप्ताह से लैब में ही काम कर रहे थे। साथी डॉक्टरों के साथ काम करने के अलावा उनके साथ खाता-पीता भी था।