आपात स्थिति में बंदियों की मदद के लिए पैनिक अलार्म लगाने वाली आगाज जिला कारागार प्रदेश की पहली जेल बन गई है। किसी बंदी की अचानक हालत बिगड़ने या झगड़ा आदि होने की स्थिति में बंदी इस अलार्म को बजाकर तत्काल मदद की गुहार लगा सकेंगे। बुधवार को डीआईजी कारागार लव कुमार ने जिला जेल में लगाए गए अलार्म का शुभारंभ किया।
आपात स्थिति में बंदियों को वहां तैनात स्टाफ से मदद की गुहार लगाने के लिए शोर मचाना पड़ता था। जिला जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा इस व्यवस्था को बदलने की दिशा में प्रयास कर रहे थे। जेल अधीक्षक ने बताया कि परंपरागत व्यवस्था बदलने के लिए उन्होंने पैनिक अलार्म लगाने का फैसला किया। जिला जेल में वायरलेस पैनिक अलार्म सिस्टम लगाया गया है। इसे बेंगलुरू की कंपनी फार्बिक्स सेमिकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है।
शशिकांत मिश्रा ने बताया पैनिक अलार्म सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी पर कार्य करता है। जो न हैक किया जा सकता है ना ही जैम होगा। यह मोबाइल जैमर एक्टिव होने पर भी काम करेगा। इसे बैरकों के ऊपर 20 ट्रांसमीटर फिक्स करके 32 वायरलेस बटन बैरकों के अंदर लगाए गए हैं। इनका उपयोग बंदी किसी भी आपात स्थिति जैसे बीमारी, मारपीट आदि परिस्थिति में कर सकेंगे। इससे मुख्य द्वारा पर तैनात स्टाफ उनको तत्काल मदद को पहुंच सकेगा। पैनिक अलार्म सिस्टम को गिरिराज किशोर बंसल, इंद्रा बंसल के सहयोग से स्थापित किया गया है। इस दौरान जेलर संजीव सिंह, राजेश सिह के अलावा समाजसेवी अंकित बंसल आदि मौजूद रहे।