ब्यूरो,
पीएम मोदी के खिलाफ किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी वाराणसी से लड़ेंगी चुनाव
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने वाराणसी से घोषित किया प्रत्याशी
वाराणसी लोकसभा सीट से किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी भी मैदान में होंगी। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने हिमांगी को वाराणसी से प्रत्याशी घोषित किया है। हिंदू भारत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने 20 लोकसभा सीटों के लिए लिस्ट जारी की है। इसमें वाराणसी से देश की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को टिकट दिया गया है। हिमांगी किन्नरों के लिए समान अधिकारों की लड़ाई लड़ रही हैं। वह पांच भाषाओं में भागवत कथा सुनाती हैं। 12 अप्रैल से वह वाराणसी में अपना चुनाव प्रचार भी शुरू करेंगी। वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वाराणसी में अंतिम चरण में एक जून 2024 को वोट डाले जाएंगे। हिन्दू महासभा ने वाराणसी के साथ ही 20 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है।
वाराणसी से प्रत्याशी हिमांगी सखी ने बताया कि किन्नर समाज को उनका अधिकार व सम्मान दिलाने के लिए वह चुनावी मैदान में उतरी हैं। प्रधानमंत्री का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारा अच्छा है लेकिन ‘किन्नर बचाओ-किन्नर पढ़ाओ’ की आवश्यकता नहीं समझी गई। उनकी मांग है कि किन्नर समाज को भी नौकरियों व लोकसभा, विधानसभा व पंचायत चुनावों में सीटें आरक्षित की जाएं ताकि उनका भी प्रतिनिधित्व सदन में हो सके और उनकी समस्याओं और मांगों पर विचार किया जा सके।
महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के पिता भी गुजरात के ही रहने वाले और मां पंजाबी थीं। इनका बचपन महाराष्ट्र में बीता। कई स्थानों पर आने-जाने की वजह से इन्होंने बहुत पहले ही पांच भाषाओं पर कमांड कर लिया। हिमांगी सखी पांच भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती और मराठी में भागवत कथा सुनाती हैं।
उनका यह मानना है कि भागवत हर किसी को सुननी और समझनी चाहिए। हिमांगी के अनुसार भागवत सुनने की प्रक्रिया में भाषा बाधा न हो इसलिए वह श्रोताओं को उनकी भाषा में भागवत कथा सुनाती हैं। हिमांगी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। उनके फैन और फॉलोवर्स की काफी संख्या है।