ब्यूरो,
वासंतिक नवरात्र में घोड़े पर सवार होकर आएंगी तथा हाथी पर सवार होकर जाएंगी आदिशक्ति माता
वासंतिक नवरात्र में घोड़े पर सवार होकर आएंगी तथा हाथी पर सवार होकर जाएंगी आदिशक्ति माता । वासंतिक नवरात्र के साथ साथ ही साथ हिंदू नव वर्ष का आरंभ भी होता है। नवरात्र के साथ पिंगल नामक नव संवत्सर का भी आरंभ 9 अप्रैल को होगा। पिंगल नामक नव संवत्सर के राजा मंगल होंगे एवं मंत्री शनिदेव होंगे। वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ 9 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को तथा समापन 17 अप्रैल दिन बुधवार को होगा। नव संवत्सर के साथ ही चैत्र नवरात्र का आरम्भ भी 9 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार से हो रहा है। चैत्र माह में पड़ने के कारण इस नवरात्र को चैत्र कहा जाता है। चैत्र नवरात्र के अतिरिक्त इसे वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता हैं। इस बार किसी भी तिथि का क्षय नहीं होने के कारण नौ दिनों तक आदिशक्ति मां दुर्गा नौ रूपो की पूजा-अर्चना की जाएगी। नवरात्र के समय ग्रहण का सुंदर संयोग भी बनेगा जहां सुख संपन्नता ऐश्वर्या भोग विलासिता ग्लैमर आदि के कारक ग्रह शुक्र अपने उच्च राशि मीन में विद्यमान रहकर शुभ फल प्रदान करेंगे वहीं शनि देव अपनी राशि कुंभ में रहकर शश नमक पंच महापुरुष योग का निर्माण करेंगे।