ब्यूरो,
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धौंचक पंचतत्व में विलीन हो गए। एक दिन पहले उनका पार्थिव शरीर हरियाणा के पानीपत लाया गया था। अपने वीर शहीद को विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए। लोग लगातार ‘शहीद आशीष धौंचक अमर रहें’, ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, आशीष तेरा नाम रहेगा’ के नारे लगाते रहे।
आशीष धौंचक अक्टूबर में पानीपत स्थित अपने नए घर में रहने के लिए जाने वाले थे। उनका परिवार किराए के मकान में रह रहा था। मेजर ढोचक के पार्थिव शरीर को सेना के एक वाहन में पानीपत स्थित उनके घर लाया गया। शहीद जवान ढोचक को अंतिम विदाई देने के लिए उनके आवास पर शुक्रवार को भारी संख्या में लोग एकत्र हुए। शहीद मेजर ढोचक का पार्थिव शरीर पानीपत स्थित उनके घर पहुंचते ही वहां माहौल और गमगीन हो गया था।
पिछली बार जब उन्होंने अपने परिवार को फोन किया था, तो मेजर आशीष धौंचक हरियाणा के पानीपत में अपने नए घर के गृहप्रवेश के लिए घर आने के लिए उत्साहित थे। समारोह के लिए तय की गई तारीख 23 अक्टूबर को उनका जन्मदिन भी है। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। मेजर ढोचक के परिवार में उनकी पत्नी, दो साल की बेटी और तीन बहनें हैं। घाटी के कोकेरनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कर्नल सिंह और मेजर ढोचक सहित सेना के तीन जवान एवं जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए थे।