पुलिस कमिश्नर समेत 9 आरोपी अदालत में तलब

ब्यूरो,

पुलिस कमिश्नर समेत 9 आरोपी अदालत में तलब

लखनऊ। किशोर की गिरफ्तारी में नियमों को ताक पर रख कर गाजीपुर पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ़्तार किए गए किशोर की पहचान पुलिस कमिश्नर के फ़ेसबुक पोस्ट से उजागर कर दिया।जिसपर पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने पुलिस कमिश्नर , गाज़ीपुर थाने के दरोग़ा शिवगंगा सिंह समेत कुल नौ पुलिस वालो को बतौर आरोपी आगामी 4 अप्रैल के लिए कोर्ट में तलब किया है।कोर्ट ने सभी आरोपियो के ख़िलाफ़ सम्मन जारी करने का आदेश दिया है।
इस मामले को लेकर किशोर अपचारी के पिता ने किशोर न्याय बोर्ड में पुलिस कमिश्नर, गाज़ीपुर के दरोग़ा शिवमंगल सिंह, कमलेश राय,धर्मेंद्र, गुड्डू प्रसाद,सिपाही सुनील कुमार , रोहित कुमार व गुडंबा थाने के दरोग़ा महेंद्र कुमार और आशित कुमार यादव के ख़िलाफ़ कार्यवाही की माँग वाली अर्ज़ी देकर बताया था की उनका नाबालिग पुत्र आज़मगढ़ के एक विद्यालय में कक्षा बारह का छात्र है और 6 जनवरी 2021 को वह अपनी माता को कार से आलमबाग बस अड्डा छोड़ने गया था।कहा गया कि शिकायतकर्ता को किसी ने फ़ोन करके बताया कि उसके पुत्र को पुलिस ने पकड़ लिया है। इसपर शिकायतकर्ता ने पुलिस में पता किया लेकिन नाबालिग का कुछ नहीं पता चला।
अदालत को बताया गया कि शिकायतकर्ता जब अपने घर पहुँचा तो देखा की दरोग़ा शिवमंगल सिंह अन्य पुलिसकर्मीयो के साथ शिकायतकर्ता के पुत्र की बाँह मरोड़कर पकड़े हुए है। इसपर शिकायतकर्ता ने पुलिसकर्मीयो को बताया की उसका पुत्र नाबालिग है। लेकिन दरोग़ा समेत अन्य पुलिस वालों ने शिकायतकर्ताके नाबालिग पुत्र के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार किया और राजभवन में तैनात रहे इंस्पेक्टर अभिषेक श्रीवास्तव के पक्ष में मकान ख़ाली करने अन्यथा परिणाम भुगतने की धमकी दी और शिकायतकर्ता के पुत्र को धोखाधड़ी समेत तमाम अन्य आरोपों में गिरफ़्तार करके कोर्ट में पेश कर दिया।जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने शिकायतकर्ता के पुत्र को नाबालिग। माना और मामले को सुनवाई के लिए किशोर न्याय बोर्ड भेज दिया।अदालत को बताया गया कि इस मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर को भी दिये जाने के बावजूद पुलिस ने 7 और 8 फ़रवरी को कमिश्नर के फ़ेसबुक पर नाबालिग के पहचान के साथ उसकी गिरफ़्तारी की जानकारी प्रसारित की जिसके चलते समाचार पत्रों एवम् अन्य चैनलो पर भी इसकी जानकारी प्रसारित हुई।
शिकायतकर्ता की इस अर्ज़ी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने माना कि आरोपी पुलिसकर्मीयो को पता था कि शिकायतकर्ताका पुत्र नाबालिग है इसके बावजूद पुलिस ने उसकी पहचान को उजागर किया।
मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने अपने पेशकार को 27 जनवरी 2023 को आदेश दिया कि वह सभी आरोपी पुलिसकर्मीयो के ख़िलाफ़ पॉक्सो कोर्ट में परिवाद दायर करे। किशोर न्याय बोर्ड के इस आदेश के बाद पेशकर सुशील कुमार ने विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में परिवाद दायर किया जिसपर पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने पुलिस कमिश्नर समेत नौ पुलिस वाली को तलब किया है।

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