ब्यूरो नेटवर्क
कोरोना के बाद डेंगू-मलेरिया को लेकर सीएम योगी चिंतित, बोले-पूरे प्रदेश में और प्रभावी बनाएं सर्विलांस सिस्टम
कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में हाहाकार मचा रख दिया है। दूसरी लहर में कोई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया। इन दिनों कोरोना फिलहाल काबू में है। यूपी के कई जिले कोरोना से मुक्त हो गए हैं तो वहीं वैश्विक महामारी कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण करने के बाद यूपी सरकार डेंगू, मलेरिया समेत अन्य संक्रामक बीमारियों से ग्रसित मरीजों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में स्थिति की समीक्षा करते हुये शुक्रवार को कहा कि प्रदेश के 33 जिलों में आज कोविड का एक भी एक्टिव केस नहीं है। गुरुवार को कोविड टेस्टिंग में 67 ज़िलों में संक्रमण का कोई भी नया केस नहीं मिला। वर्तमान में 191 संक्रमितों का उपचार हो रहा है। औसतन हर दिन सवा दो लाख से ढाई लाख तक टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 से भी कम हो गई है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है।
उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में हुई 02 लाख 30 हजार 740 सैम्पल टेस्टिंग में 10 नए मरीजों की पुष्टि हुई। मात्र 08 जिलों में ही नए मरीज मिले। इसी अवधि में 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में 07 करोड़ 08 लाख से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। गुरुवार को 12 लाख से अधिक लोगों ने टीकाकवर प्राप्त किया। इस प्रकार प्रदेश में कुल कोविड वैक्सीनेशन 08 करोड़ 47 लाख से अधिक हो गया है। यह किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है।
सीएम योगी ने कहा कि बरसात के मौसम को देखते हुए डेंगू, मलेरिया व अन्य वायरल बीमारियों के संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए जारी प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया जाए। सर्दी, जुकाम, बुखार, श्वांस समस्या आदि संबंधित चिन्हित लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था कराई जाए। आवश्यकतानुसार जांच भी कराई जाए। डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के दौरान बुखार/दस्त/डायरिया आदि की जरूरी दवाइयां वितरित की जाएं। विशेषज्ञ टीम के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उपचार की समुचित व्यवस्था रहे। बेड, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था है। फिरोजाबाद, आगरा, कानपुर, मथुरा आदि प्रभावित जिलों की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए।