वाराणसी में संचारी रोग नियंत्रण अभियान को दिखाई हरी झंडी

संचारी रोग नियंत्रण अभियान को दिखाई हरी झंडी
हुआ शुभारंभ, 31 जुलाई तक चलेगा अभियान
वाराणसी


राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ वृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रांगण में मंडलीय अपर निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ शशिकांत उपाध्याय एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह द्वारा किया गया। इस मौके पर मंडलीय अपर निदेशक व मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फागिंग वाहन, छिड़काव पम्प व सेनेटाइजेशन मशीन सहित संचारी रोग नियंत्रण टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया ।
डॉ शशिकांत उपाध्याय ने अपील की है कि घर और आसपास जल जमाव न होने दें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, ताजा भोजन करें, पानी उबाल कर पियें, साबुन से हाथ अच्छी तरह से धोये, खुले में शौच से नुकसान आदि के बारे में जानकारी दी । उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा जोर सर्वप्रथम स्वास्थ्य पर ही रहता है। स्वस्थ समाज ही एक मजबूत देश का निर्माण कर सकता है। इसके लिये सरकार समय-समय पर बीमारियों से बचने के अभियानों को सफलतापूर्वक चलाने पर बल देती रहती है।
डॉ वीबी सिंह ने कहा कि यह अभियान 31 जुलाई तक चलाया जाएगा । इस बीच 12 से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान के साथ-साथ फाइलेरिया आईडीए कार्यक्रम भी चलेगा, जिसमें आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर संचारी रोगों के बारे में समुदाय को जागरूक करेंगे । इसके साथ ही कालाजार व टीबी के मरीजों एवं कुपोषित बच्चों को भी चिन्हित करेंगे। उन्होने बताया कि अभियान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को इसका नोडल विभाग बनाया गया है। इसके साथ आईसीडीएस, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम/शहरी विकास, कृषि एवं सिंचाई विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण विभाग, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग एवं चिकित्सा व शिक्षा विभाग की सहभागिता होगी ताकि अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सके।
इस अवसर पर एसीएमओ व संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया ने कहा कि संचारी रोग, मच्छरों से फैलने वाला वह संक्रामक रोग है, जो किसी न किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वायरस आदि के कारण होता है, जो गुणात्मक रूप से एक शरीर से दूसरे शरीर में फैलता है। मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, दिमागी बुखार, ए.ई.एस., जे.ई., कालाजार के साथ-साथ वर्तमान में कोरोना (कोविड19) इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि इन रोगों से जागरुकता व साफ सफाई के माध्यम से ही बचा जा सकता है। इसके लिए कोविड के नियमों का पालन करते हुए मच्छरों द्वारा फैलने वाले रोगों से बचाव की जानकारी घर-घर जाकर “दस्तक अभियान” के माध्यम से दी जायेगी।
इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव, जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे, बायोलोजिस्ट डॉ अमित सिंह, मलेरिया इंस्पेक्टर, यूनिसेफ से डीएमसी शाहिद एवं अन्य लोग मौजूद थे।

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