बड़ी खबर : गाजीपुर बॉर्डर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच भिड़ंत, कई गाड़ियों के शीशे टूटे

दिल्‍ली के गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच जमकर हंगामा हुआ है. इस दौरोन कई गाड़ियों के शीशे भी टूटने की की बात सामने आयी है. हालांकि मौके पर तैनात पुलिस ने बवाल को जल्‍दी से शांत करा दिया. वहीं, इस घटना के बाद बीजेपी और किसान नेताओं के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है.

नई दिल्‍ली. देश की राजधानी दिल्‍ली के गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच हंगामा हुआ है. जानकारी के मुताबिक, गाजीपुर बॉर्डर पर बीजेपी के उत्तर प्रदेश में संगठन मंत्री बने अमित वाल्मीकि के स्वागत में खड़े कार्यकर्ताओं और किसानों (Farmers) के बीच झड़प हुई है. इस दौरान कुछ गाड़ि‍यों के शीशे टूट गए. जबकि वहां मौजूद लोगों का कहना है कि किसानों ने लोहे की रॉड और लाठी-डंडों से गाड़ियों पर वार किए और गाजीपुर बॉर्डर पर काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. वहीं, मौके पर तैनात पुलिस ने फटाफट बीजेपी के लोगों का काफिला वहां से रवाना करवाया है.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हंगामा उस समय हुआ जब भाजपा कार्यकर्ता उस फ्लाईओवर से अपना जुलूस निकाल रहे थे जहां तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसान नवंबर 2020 से धरने पर बैठे हुए हैं, जिनमें अधिकतर भारतीय किसान यूनियन के समर्थक हैं.

इस घटना को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ता महेश नेगी ने कहा कि हम लोग गाजीपुर बॉर्डर पर स्वगात कार्यक्रम कर रहे थे, इसी दौरान किसानों ने अचानक हमला कर दिया. इस हमले में अमित वाल्मीकि को चोट आई है. साथ ही कहा कि हमने कार्यक्रम की सूचना पुलिस को दी थी और पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन किसानों से हमला कर दिया. वहीं हमारे लोगों को जान बचाकर भागना पड़ा. वहीं, बीजेपी की गाजियाबाद महानगर उपाध्यक्ष रंजीता सिंह ने कहा कि इस दौरान किसानों ने न सिर्फ लोहे की रॉड और लाठी-डंडों से हमला किया बल्कि पथराव भी किया. यही नहीं, किसानों ने काले झंडे भी दिखाए थे. यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है.

यह बीजेपी की साजिश है: जगतार सिंह बाजवा
वहीं, इसे पूरे प्रकरण पर किसान नेता और गाजीपुर आंदोलन कमेटी के सदस्य व संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि यह किसान आंदोलन को बदनाम करने की बीजेपी की साजिश है. स्वागत ने नाम पर ढोल नगाड़े और खुद ही गाड़ियों के शीशे तोड़े गए हैं. इसकी लिखित शिकायत पुलिस में करेंगे. अगर कार्यवाही नहीं हुई तो आगे की रणनीति तय करेंगे. इसके साथ कहा कि किसान आंदोलन 7 महीने से शांतिपूर्ण चल रहा है और आगे भी चलता रहेगा.

इसके अलावा बाजवा ने कहा कि उन्होंने किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया और एक साजिश के तहत खुद अपने वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. सरकार की यह साजिश कामयाब नहीं होने वाली है क्योंकि पहले भी किसानों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा चुके हैं. हम भाजपा द्वारा किए गए हंगामे की निंदा करते हैं.

राकेश टिकैत ने कही ये बात
नोएडा गाजीपुर बॉर्डर पर बीजेपी नेता की गाड़ियों के साथ तोड़फोड़ के मामले में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने न्यूज़ 18 से बातचीत में कहा कि इस पूरे मामले में किसान यूनियन के किसी भी व्यक्ति का कोई हाथ नहीं है. यह एक प्रकार की बीजेपी की साजिश है जिससे किसान के धरना प्रदर्शन को भटकाया जा सके, लेकिन किसान इस प्रकार की साजिश से डरने वाले नहीं हैं. अगर इस प्रकार की तोड़फोड़ की गई है तो हम उसकी निंदा करते हैं, लेकिन जो पुलिस बल है उस मामले की एफआईआर दर्ज करे और जांच करें. इस प्रकार से हंगामा करने वाले लोग कौन हैं, किसानों की तरफ से इस पूरे मामले में किसी भी प्रकार से कोई हिंसा नहीं की गई है.

बीजेपी कार्यकर्ताओं और किसानों में हुई तू तू, मैं मैं: पुलिस
गाजियाबाद के एसएसपी के मुताबिक, बीजेपी गुट के लोगों और प्रदर्शनकारियों के बीच तू तू मैं मैं होने के साथ हल्‍की धक्का-मुक्की हुई है. जबकि कुछ गाड़ियों को तोड़ा गया है. पुलिस मौके पर है और अभी इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. जानकारी जुटाई जा रही है और पुलिस ने मामला शांत करवा दिया है.

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