झारखण्ड : मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए आगे कहा है कि हम अपने मृतकों को लावारिस मानकर न तो बहाएंगे और न दफनाएंगे, बल्कि उन्हें उनकी पूरी रीति-रिवाज एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप सम्मानपूर्वक विदाई देंगे। इसके लिए हम हर दुखी परिवार को हर सम्भव सहायता देते आए हैं और आगे भी देंगे, ताकि कुछ लोग आपदा को अवसर में न बदलें। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के पांच प्रमुख शहरों रांची, धनबाद, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम और हजारीबाग में कोरोना के कारण हुई मौत का ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए दो अलग-अलग उच्च स्तरीय टीम बनाई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों टीमों को 31 मई तक अपनी रिपोर्ट देनेको कहा है। इन टीमों को निर्धारित प्रारूप में अपनी रिपोर्ट मौत के कारणों का संक्षिप्त विश्लेषण करते हुए देनी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि वह कोरोना से मौत के आंकड़ों का निष्पक्ष ऑडिट कराकर यह जानना चाहते हैं कि क्या सरकारी आंकड़े, जमीनी हकीकत से अलग हैं। इससे सरकार को इस त्रासदी से प्रभावित हर परिवार की पहचान कर उन्हें जरूरी सभी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम से जोड़कर जीवन सुरक्षित करने में मदद मिलेगी। साथ ही ये आंकड़े सरकार को अपनी स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करने, पारदर्शी शासन और बेहतर और समावेशी नीतियां बनाने में मदद करेंगे।