कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के सामने यूरोप और अमेरिका बेबस पड़ गए हैं। अमेरिका के साथ मैक्सिको में बहुत मौतें हो रही हैं। वहीं भारत में भी अन्य राज्यों के आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर शुरू हो सकती है। उधर, भारत के कई राज्यों में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है पर दोबारा से लॉकडाउन लगाने से कई मख्यमंत्री मना कर रहे हैं।
गुजरात सरकार ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक के लिए राज्य में ताजा लॉकडाउन से इनकार किया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि उनकी सरकार राज्यव्यापी लॉकडाउन पर विचार नहीं कर रही है। वहीं कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बाद अहमदाबाद शहर में 57 घंटे के कर्फ्यू लगाया गया है।
रूपाणी ने कहा कि इसके अलावा, पुलिस को उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है जो फेस मास्क के बिना घूमते और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का उल्लंघन करते पाये जाएंगे। अहमदाबाद शहर में कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे (20 नवंबर) से शुरू होगा और सोमवार (23 नवंबर) को सुबह छह बजे समाप्त होगा। अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा संचालित 600 सिटी बसें कर्फ्यू की अवधि के दौरान नहीं चलेंगी। एएमसी ने घोषणा की थी कि इस पूर्ण कर्फ्यू के दौरान, केवल दूध और दवा की दुकानें खुली रहेंगी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगेगा, लेकिन मास्क के उपयोग को सख्ती से लागू किया जाएगा और इस मामले में ढिलाई बरतने वालों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। चौहान ने यह बात यहां कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में आपदा प्रबंधन समूह की बैठक बुलाकर कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति के संदर्भ में सुझाव प्राप्त किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमण की स्थिति को गत आठ माह में नियंत्रित रखते हुए सर्वोत्तम प्रबंधन किए गए और प्रदेशवासियों ने भी सहयोग देते हुए जागरुकता का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जागरुकता प्रयासों को निरंतर जारी रखेगी। अर्थव्यवस्था प्रभावित न हो और कोरोना वायरस संक्रमण भी नियंत्रित रहे, इस संतुलन को बनाए रखा जाए। चौहान ने कहा कि प्रदेश में निषिद्ध क्षेत्र को छोड़कर शेष किसी भी जिले, शहर या क्षेत्र में लॉकडाउन नहीं लगाया जायेगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन से कोरोना खत्म नहीं हो सकता है। लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण को तेजी से फैलने में देरी हो सकती है, जिस दिन सबकुछ खुलेगा उस दिन से वह फिर तेजी से बढ़ेगा। दिल्ली में लॉकडाउन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी दिल्ली को चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमारे पास अभी भी 7500 कोविड बेड, 450 आईसीयू बेड खाली है। उन्होंने कहा कि महामारी मारी में हमें दो बात का ध्यान रखना है। पहला कोरोना से बचाना है दूसरा अर्थव्यवस्था को भी बचाना है। क्योंकि लोगों की हालत बेहद खराब है। बगैर सोचे समझे अगर लॉकडाउन हुआ तो सभी की जिंदगियों पर असर पड़ेगा।
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने देशव्यापी लॉकडाउन की संभावना से इनकार कर दिया है। उन्होंने अमेरिका में कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर मास्क को बेहज जरूरी बताया है। अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक ढाई लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जो बाइडन ने विलमिंगटन, डेलावेयर में संवाददाताओं से कहा कि देश में कोई लॉकडाउन नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है जिसे मैं देख सकता हूं कि राष्ट्रीय बंद की आवश्यकता होगी। मुझे लगता है कि यह प्रतिशोधात्मक होगा, लेकिन ऐसी बाधाएं हैं जिनमें व्यवसाय को खोलने की संभावना हो सकती है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डाटा के अनुसार, अमेरिका में कोरोना से मौत का आंकड़ा दो लाख 50 हजार 537 हो गया है। दुनिया में कोरोना के कहर से अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित है। इस महामारी से इतनी बड़ी संख्या में मौत किसी दूसरे देश में नहीं हुई है। सबसे ज्यादा संक्रमित भी इसी देश में पाए जा रहे हैं। जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर जोनाथन रेनर ने बुधवार को आगाह किया कि हालात निरंतर बदतर होते जा रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) यूरोप क्षेत्र के निदेशक हंस क्लूग ने कहा कि अगर 95 प्रतिशत लोग सुरक्षित मास्क पहनते हैं तो देश के किसी भी हिस्से में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन लगाये जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्लूग ने कहा कि अगर हम सभी अपने हिस्से का काम करें यानी सुरक्षित मास्क पहने तो लॉकडाउन से बचा जा सकता है। मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि लॉकडाउन कोरोना वायरस के खिलाफ उठाया जाने वाला अंतिम उपाय है। मास्क पहनना हालांकि कोरोना वायरस के खिलाफ एक पूर्ण बचाव के रूप में काम नहीं करता है। इसके साथ सोशल डिस्टेंशिंग और हाथों को सेनिटाइज करने से लेकर तमाम अन्य उपायों को भी अपनाना अनिवार्य है। हां,लेकिन मास्क जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्कूलों को बंद करने को प्रभावी कदम नहीं माना जा सकता। निदेशक ने कहा कि बच्चों और किशोरों को कोरोना संक्रमण का प्राथमिक वाहक नहीं माना गया है। स्कूलों को बंद करने को कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय नहीं माना जा सकता। जो भी देश स्कूलों को बंद करने के बारे में विचार कर रहे हैं, उनसे मेरी प्रार्थना है कि वे इसके बुरे प्रभाव पर गौर करें। बच्चों को जो हानि होगी, उस पर विचार करें। स्कूल बंद करने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सेहत पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।