प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत की कोरोना टीका संबंधी रणनीति की समीक्षा के लिए बैठक की। इस बैठक में टीके को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए तकनीकी मंचों के इस्तेमाल और प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों, जिनमें कोरोना योद्धा और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले अन्य कर्मी शामिल हैं, को वरीयता देने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
मोदी ने ट्वीट किया कि बैठक में टीके के विकास की प्रगति, नियामक मंजूरियों और खरीद से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा, ‘जनसंख्या समूहों को प्राथमिकता देना, स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं तक पहुंच, शीत गृह ढांचे को मजबूत करना, टीके लगाने वाले लोगों की संख्या बढ़ाना और टीकों को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए तकनीक प्लेटफॉर्म जैसे अनेक मुद्दों की समीक्षा की गई।’
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि टीका उपलब्ध होने की सूरत में जल्द से जल्द टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिये समय पर इन्हें खरीदने और शीघ्र नियामक मंजूरियां देने को लेकर समयबद्ध योजना बनाई जाए।
इसके अलावा मोदी ने आपातकालीन परिस्थितियों में इनके इस्तेमाल, निर्माण तथा खरीद की मंजूरी लेने से संबंधित पहलुओं पर भी चर्चा की। बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए टीकों के तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजे जैसे ही आते हैं हमारे मजबूत और स्वतंत्र नियामक शीघ्रता और गहनता से इनकी जांच कर इनके इस्तेमाल को मंजूरी देने की दिशा में काम करेंगे।
भारत में तैयार किए जा रहे पांच टीकों का परीक्षण अग्रिम चरणों में हैं। इनमें से चार टीके परीक्षण के दूसरे और तीसरे जबकि एक टीका पहले/दूसरे चरण में है। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने टीका तैयार करने के लिए नवाचारियों, वैज्ञानिकों, अकादमिक विद्वानों और दवा कंपनियों के प्रयासों की सराहना की।