दिल्ली के लोग इस बार नवंबर में ही दिसंबर जैसी ठंड का सामना कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। यह नवंबर में पिछले चौदह सालों में सबसे कम तापमान है।
दिल्ली में इस बार मौसम अलग-अलग रिकॉर्ड तोड़ने में लगा है। मौसम में लगातार ठंड का अहसास बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को सफदरजंग मौसम केन्द्र में न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पूर्व वर्ष 2006 में 29 नवंबर की तारीख को न्यूनतम तापमान 7.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। इस तरह से यह बीते चौदह सालों में नवंबर महीने की सबसे ठंडी सुबह रही। यह न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री नीचे है।
तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम होने पर आमतौर पर उसे शीतलहर जैसी स्थिति मानी जाती है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों के बीच दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में शीतलहर जैसी स्थिति हो सकती है। खासतौर पर सुबह के समय लोगों को खासी ठंडी हवा का सामना करना पड़ेगा।
इस बार नवंबर के अब तक के महीनों में सिर्फ एक दिन ऐसा रहा है जब तापमान सामान्य से ऊपर गया है। बादल छाए रहने के चलते 16 नवंबर को न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। जो सामान्य से दो डिग्री ज्यादा रहा है। बाकी दिनों में तापमान सामान्य से एक से लेकर पांच डिग्री तक कम रहा है।
इस बार का अक्तूबर भी बीते 58 सालों में सबसे ज्यादा ठंडा रहा था। अक्तूबर का औसत न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस रहा था। जबकि, अक्तूबर में औसत न्यूनतम तापमान सामान्यतौर पर 19.1 डिग्री सेल्सियस रहता है। इससे पहले वर्ष 1962 का अक्तूबर महीना इससे ज्यादा ठंडा रहा था। उस साल अक्तूबर का औसत न्यूनतम तापमान 16.9 डिग्री सेल्सियस रहा था।
दिल्ली में आमतौर पर दिसंबर और जनवरी में शीतलहर देखने को मिलती है। लेकिन, इस बार नवंबर में ही शीतलहर जैसी स्थिति बन रही है। प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार सितंबर के बाद से ही आसमान साफ रहा है। इसके चलते दिन भर पैदा होने वाली गर्मी वातावरण से बाहर चली जाती है और रातें ठंडी हो जाती हैं। जबकि, पिछले दिनों आए पश्चिमी विक्षोभ के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अच्छी बर्फबारी हुई है। इस समय हवा उधर की दिशा से ही आ रही है, जिससे ठंड में और इजाफा हुआ है।
बारिश तथा हिमपात के बाद पश्चिमोत्तर क्षेत्र में पारा गिरने से आदमपुर ,बठिंडा और हिसार सबसे ठंडे स्थान रहे। हिमाचल प्रदेश तथा कश्मीर के ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात होने के कारण इसका असर मैदानी इलाकों पर भी पड़ा है तथा पश्चिमोत्तर क्षेत्र में सुबह शाम हल्की धुंध छाई रही और अगले दो दिनों भी धुंध पड़ने और मौसम खुश्क रहने के आसार हैं ।
मौसम केन्द्र के अनुसार अगले दो दिनों में भी हल्की धुंध पड़ने के आसार हैं तथा मौसम खुश्क रहेगा । सबसे कम पारा आदमपुर का रहा जहां न्यूनतम पारा पांच डिग्री , बठिंडा तथा हिसार छह डिग्री , फरीदकोट का पारा छह डिग्री, लुधियाना 10 डिग्री, अमृतसर आठ डिग्री , पटियाला 10 डिग्री , हलवारा आठ डिग्री, गुरदासपुर आठ डिग्री रहा।
चंडीगढ सामान्य से एक डिग्री कम नौ डिग्री , अंबाला 10 डिग्री , करनाल आठ डिग्री ,नारनौल सात डिग्री , रोहतक आठ डिग्री,सिरसा आठ डिग्री रहा। दिल्ली सात डिग्री , श्रीनगर एक डिग्री और जम्मू का पारा नौ डिग्री रहा। हिमाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले इलाके शीतलहर की चपेट में हैं। शिमला का पारा पांच डिग्री, मनाली शून्य डिग्री, कल्पा शून्य से कम दो डिग्री, नाहन 10 डिग्री, सोलन तीन डिग्री, उना छह डिग्री, नाहन 10 डिग्री, कांगडा पांच डिग्री, सुंदरनगर चार डिग्री धर्मशाला छह डिग्री, भुंतर तीन डिग्री रह गया है ।