केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संदिग्ध और हल्के लक्षणों वाले कोरोना रोगियों को घर पर ही एकांतवास में रहने की अनुमति प्रदान कर दी है। सोमवार को देर रात इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए गए। निर्देश में कहा गया है कि यदि कोरोना का संदिग्ध व्यक्ति और हल्के लक्षणों वाले रोगियों के पास घर में एकांतवास में रहने की जगह है और उनके साथ चौबीसो घंटे देखरेख करनेवाले कार्मिक उपलब्ध हैं, तो घर में वह पृथक वास में रह सकेगा।
ऐसे मामलों में संदिग्ध रोगी और हल्के लक्षणों वाले रोगियों को स्वत: घोषणा करनी होगी कि वह स्वेच्छा से यह सुविधा ले रहा है। इसी के साथ सरकार ने ऐसे मामलो के लिए कई आवश्यक सतर्कता संबंधी दिशा निर्देश जारी किए हैं। अभी तक के नियमों के हिसाब से संदिग्ध रोगियों और हल्के लक्षणों वालों को कोविड केयर सेंटर में रखने का प्रावधान है।
होम आइसोलेशन के लिए नए दिशा-निर्देश
वर्तमान दिशा-निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 7 अप्रैल, 2020 को संदिग्ध/पुष्ट मामले के उचित प्रबंधन पर जारी दिशानिर्देशों के अतिरिक्त हैं। अभी कोविड-19 के सभी संदिग्ध और पुष्ट मामलों को ट्रांसमिशन की श्रृंखला को तोड़ने के लिए अस्पताल में आइसोलेट किया जा रहा है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, रोकथाम के चरण के दौरान लक्षणों मरीजों के आधार पर नैदानिक प्रक्रिया के लिए अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाना चाहिए। जैसे बहुत हल्के/हल्के मरीजों को कोविड देखभाल केंद्र में, मध्यम स्तर के रोगियों को समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र और गंभीर श्रेणी के रोगियों को कोविड समर्पित अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। हालांकि, बहुत हल्के/प्री सिम्प्टोमैटिक मामलों में रोगियों के पास निवास स्थान पर सेल्फ क्वारंटाइन और आइसोलेशन का विकल्प है।
होम आइसोलेशन के लिए पात्रता
– इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी द्वारा नैदानिक रूप से व्यक्ति में लक्षणों के आधार बहुत हल्के/प्री सिम्प्टोमैटिक मामलों में इसका निर्धारण किया जाना चाहिए।
– ऐसे मामलों में सेल्फ-आइसोलेशन के दौरान वे परिवार के संपर्क में न आए इसके लिए उनके निवास पर अपेक्षित सुविधाएं होनी चाहिए।
– 24×7 आधार पर देखभाल प्रदान करने के लिए एक देखभालकर्ता उपलब्ध होना चाहिए। आइसोलेशन अवधि के दौरान देखभालकर्ता और अस्पताल के बीच लगातार संवाद जरूरी है।
– प्रोफिलैक्सिस प्रोटोकॉल के अनुसार और इलाज चिकित्सा अधिकारी द्वारा निर्धारित देखभालकर्ता और ऐसे मामलों के सभी करीबी संपर्क में रहने वालों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेना चाहिए।
– मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें और यह हर समय ब्लूटूथ और वाई-फाई के माध्यम से सक्रिय रहना चाहिए।
– रोगी अपने स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए सहमत होना होगा और नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य स्थिति निगरानी टीमों द्वारा आगे की निगरानी के लिए जिला निगरानी अधिकारी को सूचित करेगा।
– रोगी सेल्फ क्वारंटाइन के लिए घर पर क्वारंटाइन नियमों का पालन करने के संबंध में एक घोषणा प्रपत्र भरकर देगा वही, व्यक्ति होम आइसोलेशन के लिए पात्र होगा।
– होम क्वारंटाइन/आइसोलेशन से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों समेत सभी सूचनाएं स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। देखभाल करने वाले और रोगी दोनों को ही आवश्यक निर्देश का पालन करना होगा।
चिकित्सकीय देखभाल की कब जरूरत है : रोगी/देखभालकर्ता उनके स्वास्थ्य की निगरानी रखेगा। गंभीर संकेत या लक्षण विकसित होने पर आवश्यक तौर पर तत्काल चिकित्सकीय देखभाल की ओर ध्यान देना चाहिए। इनमें ये लक्षण हो सकते हैं…
– सांस लेने में कठिनाई
– छाती में लगातार दर्द/दबाव
– मानसिक भ्रम या आक्रोश में असमर्थता
– होंठों/चेहरे के नीला पड़ जाना
– या चिकित्सा अधिकारी के द्वारा उपचार की सलाह दी जाती है
होम आइसोलेशन कब बंद करना है : यदि लक्षण नैदानिक रूप से समाप्त हो गए हों और निगरानी चिकित्सा अधिकारी द्वारा उसे परीक्षण के बाद संक्रमण से मुक्त होने के लिए प्रमाणित किया जाता है, तो वह होम आइसोलेशन बंद कर सकते हैं।