बिहार : कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ा- 4 गुना बढ़े संक्रमित-ठीक होने की दर भी बेहतर

बिहार में कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ा है, किंतु यहां कोरोना संक्रमितों के ठीक होने की दर भी बेहतर है। बड़ी संख्या में संक्रमितों की पहचान हो रही है और उसी तरह बड़ी संख्या में संक्रमित कोरोना को मात भी दे रहे हैं।

 बिहार में 22 जून को कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 7893 थी, जो 22 जुलाई को बढ़कर 30,066 हो गई। इस तरह एक माह में लगभग चार गुना संक्रमित बढ़ गए। साथ ही एक माह में तीन गुना से अधिक मरीज ठीक भी हो चुके हैं। 22 जून तक संक्रमितों के ठीक होने की संख्या 5767 थी , जो 22 जुलाई को बढ़कर 19876 हो चुकी है। बिहार में स्वस्थ होने की दर 67.52 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 63 फीसदी है। 

बिहार के कोविड 19 के लिए डिडिकेटेड नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के नोडल अधिकारी डॉ. अजय सिन्हा के अनुसार, अस्पताल में आने वाले सामान्य कोरोना के गंभीर मरीजों में 90 से 95 फीसदी मरीज स्वस्थ हो रहे हैं, जबकि 5 से 10 फीसदी की ही मौत हो रही है। वहीं, अन्य बीमारियों से ग्रसित अति गंभीर कोरोना मरीजों में ही मौत की दर अधिक है, क्योकि उन्हें बेहद खराब हालात में यहां लाया जा रहा है। 

डॉ. सिन्हा ने कहा कि अगर कुल मौत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या को देखे तो यह औसतन 80 फीसदी है। 10 से 20 फीसदी ही सामान्य कोरोना पीड़ितों की मौत हो रही है। इसका भी प्रमुख कारण सीवियर न्यूमोनिया या अन्य रोग विकसित हो जाना है। दूसरी ओर, पटना एम्स के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव कुमार के अनुसार सामान्य कोरोना मरीज का रिकवरी रेट गंभीर कोरोना मरीजों से बेहतर है। सामान्य कोरोना मरीज जहां 10 से 15 दिनों में स्वस्थ हो रहे हैं, वहीं गंभीर मरीजों के स्वस्थ होने में 20 से 25 दिन लग रहे हैं। 

बॉक्स में : 
संक्रमितों का ग्राफ

22 मार्च         2 मरीज 
22 अप्रैल      136 मरीज
22 मई        2166 मरीज 
22 जून       7893 मरीज
22 जुलाई     30,066 मरीज 

 बिहार में संक्रमण की दर 
22 मार्च           1.3 फीसदी
22 अप्रैल        1.04 फीसदी 
22 मई           3.6 फीसदी 
22 जून         4.8 फीसदी 
22 जुलाई       7.3 फीसदी 

स्वस्थ होने की दर 
22 अप्रैल     30 फीसदी
22 मई         29 फीसदी 
22 जून        73 फीसदी 
22 जुलाई     66 फीसदी 
26 जुलाई  67.52 फीसदी 
 

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