गहलोत का पीएम को पत्र- सरकार गिराने की हो रही साजिश

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

राज्य में अपने पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के साथ 18 विधायकों के बागी होने के बाद सरकार बचाने के संकट से जूझ रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते हुए राजस्थान सरकार को अस्थिर करने के प्रयास आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों की खरीद फरोख्त के जरिए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है।

19 जुलाई को लिख गए इस पत्र में गहलोत ने लिखा- “मुझे नहीं पता कि किस हद तक आपको यह सब जानकारी में है अथवा आपको गुमराह किया जा रहा है। इतिहास ऐसे कृत्य में भागीदार बनने वालों लोगों को काफी माफ नहीं करेगा।” राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है, “मुझे पूरा विश्वास है कि अंतत: सच्चाई के साथ-साथ स्वस्थ परंपराओं एवं संवैधानिक मूल्यों की जीत होगी और हमारी सरकार सुशासन देते हुए अपना कार्यकाल पूरा करेगी।” 

गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत बीजेपी नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि वे सभी कांग्रेस के बागी विधायकों के साथ इस कृत्य में शामिल हैं। गहलोत ने पत्र में आगे कहा, “कुछ समय से लोकतंत्रित तरीके से चुनी हुई सरकारों को गिराने का प्रयास किया जा रहा है। यह जनादेश और संवैधानिक मूल्यों का खुला उल्लंघन है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश इसका उदाहरण है।”

मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन पायलट पर बीजेपी के साथ मिलकर षडयंत्र कर मध्य प्रदेश की तर्ज पर सरकार गिराने का आरोप लगाया है, जहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होते हुए मार्च के महीने में कमलनाथ की सरकार गिरा दी थी।गहलोत ने लिखा, “ऐसे समय में जब हमारी प्राथमिकता लोगों के जीवन और उनकी आजीविका की रक्षा करना है, राज्य सरकार को गिराने में केन्द्र मुख्य साजिशकर्ता बन गया है।”

उन्होंने कांग्रेस के बागी भंवरलाल शर्मा का भी नाम लिया, जो सचिन पालयट के गुट में हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विधायक को गजेन्द्र शेखावत के साथ टेप में घूस के लिए चर्चा करते हुए सुना जा सकता है। कांग्रेस की तरफ से केन्द्रीय मंत्री पर आरोप लगाने के बाद एफआईआर दर्ज की गई है। गहलोत ने पत्र में लिखा कि उसी विधायक ने इससे पहले बीजेपी सरकार को भी अस्थिर करने का प्रयास किया। उन्होने दावा करते हुए कहा कि उस वक्त उन्होंने लोकतांत्रिक तरीसे से चुनी हुई सरकार को गिराने का विरोध किया था।

ऐसे समय में जब मामला कोर्ट में है और राजस्थान संकट पर कोर्ट का फैसला एक बड़ा गेम चेंजर हो सकता है, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से पत्र पीएम मोदी लिखा जाना एक प्रत्याशित कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

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