इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की भ्रष्टाचार संबंधी अदालती सुनवाई रविवार (19 जुलाई) को बहाल हुई। वह कोरोना वायरस संकट से निपटने के अपने तौर तरीके को लेकर जनता के असंतोष से भी जूझ रहे हैं। नेतान्याहू विभिन्न घोटालों में धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वतखोरी के आरोपों से घिरे हैं।
उन पर अरबपति मित्रों से शानदार उपहार ग्रहण करने और मीडिया कारोबारियों को अपने और अपने परिवार के लिए अधिक पसंदीदा कवरेज के लिए उन्हें नियामकीय लाभ पहुंचाने का आरोप है। लंबे समय से सत्तासीन नेतान्याहू ने किसी भी गड़गड़ी से इनकार किया है और अपने ऊपर लगे आरोपों को मीडिया द्वारा पीछा किया जाना करार दिया।
उन्होंने कहा है कि प्रवर्तन तंत्र भी पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्रवाई कर रहा है। सुनवाई मई में शुरू हुई थी। न्यायाधीशों के सामने पेश होने से महज कुछ पहले नेतान्याहू ने अदालत परिसर में मंच पर आकर देश के कानूनी संस्थानों पर अपनी गुस्से का इजहार किया। उनके साथ उनकी पार्टी के सदस्य भी थे। वह सुनवाई में पेश होने वाले हैं।
इस बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू से इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे 28 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नेतन्याहू के इस्तीफे की मांग को लेकर येरूशलम और तेल अवीव के मध्य शनिवार देर रात व्यापक सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान सड़कों को भी जाम कर दिया।
पुलिस प्रवक्ता मिखाइल जिंगरमैन ने कहा कि तेल अवीव में 13 लोगों को और येरूशलम में 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के थम जाने के बाद, कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध करना शुरू कर दिया और पुलिस अधिकारियों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान कचरे के डिब्बे में आग भी लगा दी गई।