बेन स्टोक्स- स्टुअर्ट ब्रॉड को प्लेइंग XI से बाहर रखने पर कोई पछतावा नहीं

इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स

कोविड-19 महामारी (कोरोना वायरस संक्रमण) के चलते क्रिकेट इवेंट्स 117 दिन के लिए ठप्प रहे। साउथम्पटन में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट मैच के साथ कोरोना काल में इंटरनैशनल क्रिकेट की वापसी हुई। इंग्लैंड के नियमित कप्तान जो रूट इस मैच में नहीं खेले थे और उनकी जगह बेन स्टोक्स ने मेजबान टीम की अगुवाई की थी। वेस्टइंडीज ने चार विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। मैच के बाद बेन स्टोक्स ने कहा कि भले नतीजा उनके मुताबिक नहीं रहा, लेकिन वो इस बात से खुश हैं कि खेलने का मौका मिला।

स्टोक्स ने मैच के बाद कहा, ‘यह शानदार रहा कि हमें खेलने का मौका मिला। हमें बहुत सारे लोगों के सामने खेलने की आदत है, यह शानदार रहा कि हम इंटरनैशनल क्रिकेट की वापसी वाले मैच का हिस्सा बन सके। दोनों टीमों को तैयारी का पर्याप्त समय मिला था। मैनचेस्टर में वेस्टइंडीज को तैयारी का काफी समय मिला। यह काफी कड़ा टेस्ट मैच था, जिस तरह का क्रिकेट मैच खेला गया वो शानदार था। आपको यह विश्वास करना होता है कि 200 का स्कोर पर्याप्त है और अगर आप ऐसा नहीं करते तो आप मैच वहीं हार जाते हो। हमें पहली पारी में और रन बनाने चाहिए थे, हम बल्लेबाजी में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।’ स्टोक्स ने आगे कहा, ‘मैं पहले बल्लेबाजी का ही फैसला लेता, क्योंकि पहली पारी के रन काफी मायने रखते हैं, अगर हमने 400-500 रन बनाए होते तो मैच का नतीजा अलग होता। युवा बल्लेबाजों के लिए यह अच्छी सीख रही।

स्टोक्स ने स्टुअर्ट ब्रॉड को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं करने को लेकर कहा, ‘मुझे ब्रॉड को बाहर रखने का कोई पछतावा नहीं है। हम भाग्यशाली हैं अगर ऐसे किसी खिलाड़ी को टीम से बाहर रख सकते हैं। अगर वो दूसरा टेस्ट मैच खेलते हैं तो मैं चाहूंगा कि वो कुछ विकेट लेकर मैदान से लौटें। फिटनेस की बात करें तो हमारे पास पर्याप्त समय था, अब यह देखना रोमांचक होगा कि दूसरे टेस्ट में हम कैसा प्रदर्शन करते हैं। इंग्लैंड की कप्तानी करना अच्छा लगा, लेकिन यह जो रूट की टीम है और मैं उनका वापसी पर स्वागत करता हूं।’

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