देश में कोरोना के मरीजों की मौत का ट्रेंड बदल रहा है। वायरस से जान गंवाने वालों में बीमार औऱ बुजुर्गों के मुकाबले सेहतमंद और 60 साल से कम उम्र के लोगों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन संस्था इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) ने आकलन कर यह रिपोर्ट तैयार की है।
संस्था की 21 मई को पहली रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में दो तिहाई से ज्यादा बुजुर्ग और डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसे रोगों से ग्रस्त मरीज थे, वहीं दो जुलाई को जारी ताजा आंकड़े बताते हैं कि मरने वालों में 43 फीसदी लोगों को पहले से कोई बीमारी नहीं थी और करीब 50 फीसदी से ज्यादा 60 साल से कम उम्र के थे। आईडीएसपी ने दो जुलाई तक 15962 मौतों का आकलन किया, जबकि उस वक्त तक करीब 18 हजार मौतें हुई थीं। रिपोर्ट के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी शनिवार को कोरोना की मौतों की वजह प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना के 70 फीसदी मरीजों की मौतों की वजह पहले से रही बीमारियां हैं। डायबिटीज, हाइपरटेंशन, मोटापा, हृदय रोग, कैंसर और श्वसन संबंधी बीमारियों से जूझ रहे कोविड के मरीजों की मौत का जोखिम ज्यादा रहता है।
पहले (21 मई)
73 फीसदी मृतकों को पहले से थी बीमारियां
(कुल 3435 मौतों का आकलन)
अब ( दो जुलाई)
57 फीसदी मृतकों को ही पहले से थी बीमारी
(कुल15962 मौतों का आकलन)
खतरनाक संकेत
43 प्रतिशत (6919) ऐसे लोगों की मौत, जिन्हें पहले से रोग नहीं था
47 फीसदी मरने वाले 60 वर्ष से कम उम्र के कोरोना संक्रमित थे
(दो जुलाई के आंकड़े)
47 फीसदी मृतक 60 साल से कम उम्र के
14 वर्ष से कम-0.54%
15 से 29 वर्ष-2.64%
30 से 44 वर्ष-10.82%
45 से 59 वर्ष-32.79%
60 से 74 वर्ष-39.02%
75 वर्ष से अधिक-12.88%
दूसरे देशों में भी बढ़ता जोखिम—-
44 फीसदी मृतक अमेरिका में 50 साल से कम उम्र के
39 फीसदी मृतक ब्राजील में 60 वर्ष से कम उम्र के
पुरुषों का खतरा ज्यादा
68 फीसदी कोविड से मरने वाले भारतीय पुरुष, 32 फीसदी महिलाएं
2.4 गुना ज्यादा खतरा संक्रमित पुरुष का महिलाओं के मुकाबले
स्रोत-जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ