1989 में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनिस ने साथ में ही टेस्ट डेब्यू किया था। सचिन उस समय महज 16 साल के थे और टीम इंडिया के साथ पाकिस्तान दौरे पर गए थे। वकार ने हाल में एक इंटरव्यू में बताया कि उस समय तेंदुलकर के बारे में वो और उनके साथी खिलाड़ी क्या सोच रहे थे। वकार ने बताया कि सचिन के बारे में सुनकर उनका पहला रिऐक्शन क्या था।
वकार ने एक पोडकास्ट शो में कहा, ‘पूरी अंडर-19 भारतीय टीम सचिन के बारे में बात कर रही थी। सब यही बात कर रहे थे, कि यह छोटा सा लड़का कितना अच्छा खेलता है। वो तब बस स्कूल जाने वाला लड़का था, स्कूल में ट्रिपल सेंचुरी जड़ने वाला, स्कूल में ट्रिपल सेंचुरी कौन जड़ता है? स्कूल में सेंचुरी जड़ना ही बड़ी बात है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें पता था कि एक लड़का आ रहा है, जो शानदार खेलता है। पहली नजर में मुझे नहीं लगा था कि यह लड़का ग्रेट सचिन तेंदुलकर बनेगा, जो वो आज है। उसने जो भी इतने सालों में किया वो शानदार है। उस समय मुझे नहीं लगा था कि वो क्रिकेट में इतना बड़ा नाम बनेगा, लेकिन उसकी कड़ी मेहनत रंग लेकर आई।’
उस समय शाहिद सईद और सलिल अंकोला ने भी डेब्यू किया था, लेकिन वकार और तेंदुलकर क्रिकेट के बड़े नाम बने। वकार टेस्ट क्रिकेट में तेंदुलकर को आउट करने वाले पहले गेंदबाज भी बने, अपने डेब्यू मैच में तेंदुलकर 15 रन बनाकर आउट हुए थे। तेंदुलकर ने उस सीरीज में 15, 59, 8, 41, 35 और 57 रनों की पारी खेली थी।
‘मुझे याद है वो सिद्धू के साथ बैटिंग कर रहा था’
उन्होंने आगे कहा, ‘पहला टेस्ट मैच कराची में खेला जा रहा था, मैंने उसे जल्द आउट कर दिया था। मेरे ख्याल से उसने 15 रन बनाए थे। उसने कुछ बढ़िया स्ट्रेट ड्राइव और ऑन-ड्राइव शॉट्स लगाए थे। उसने सियालकोट में जो फिफ्टी जड़ी थी, वो एकदम ग्रीन पिच पर खेली गई पारी थी। हमें उस मैच में नतीजा चाहिए था, हम चाहते थे कि सीरीज का नतीजा निकले, इसलिए हमने एकदम हरी पिच बनवाई थी, वो आया और पारी की शुरुआत में ही उसकी नाक पर बाउंसर गेंद लगी, 16 साल का बच्चा उस समय एकदम पीला पड़ गया था, लेकिन उसमें जज्बा था। मुझे याद है नवजोत सिंह सिद्धू उसके साथ बैटिंग कर रहे थे, उन दोनों ने पांच-सात मिनट का समय लिया और फिर वो पहले बल्लेबाजी करने के लिए तैयार था। उस फिफ्टी ने तेंदुलकर का क्लास दिखा दिया था, उसको पता था कि वो कुछ खास करेगा।’