वास्तविक नियंत्रण रखा पर भारत और चीन के बीच जारी विवाद का असर देश की राजनीति में भी दिखने लगा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर जवानों को सीमा पर निहत्थे लड़ने के लिए क्यों भेज दिया गया। सरकार इसका जवाब दे। राहुल के इस आरोप पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पलटवार किया है।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी को स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों के बारे में कुछ नहीं पता है, इसलिए उनके सवालों का जवाब देने की आवश्यक्ता नहीं है। वह भारतीय राजनीति में पूर्ण रूप से असफल और अप्रासंगिक हो चुके हैं।
इससे पहले भाजपा ने लद्दाख में भारतीय जवानों की शहादत को लेकर सरकार पर निशाना साधने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए उन्हें भारत का अब तक का सबसे गैरजिम्मेदार नेता करार दिया और कहा कि वह दुष्प्रचार की राजनीति छोड़ दें। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपने विभिन्न ट्वीट के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करके अपरिपक्व और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार किया है, जबकि प्रधानमंत्री ने चीन के साथ सीमा विवाद पर शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता यह दिखाना चाहते हैं कि सैनिकों को मरने के लिए निहत्था छोड़ दिया गया था। भाजपा प्रवक्ता 1996 में भारत और चीन के बीच उस समझौते का हवाला दिया जिसमें दोनों देशों की सेनाओं को सीमा के दो किलोमीटर के दायरे में किसी भी हथियार के उपयोग पर रोक है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने को लेकर बृहस्पतिवार को फिर से सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि ‘हमारे सैनिकों को हथियार के बिना खतरे की ओर से किसने भेजा और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? ‘उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा, ”चीन ने शस्त्रहीन भारतीय सैनिकों की हत्या करके बहुत बड़ा अपराध किया हैं।