क्या मणिपुर में BJP को सत्ता से हटा, कांग्रेस बनाएगी सरकार? जानें पूरा गणित

मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी सरकार के सामने आए राजनीति संकट के बीच कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाने का भरोसा जताया है। कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओ. इबोबी सिंह कहा है कि उनकी पार्टी राज्यपाल डॉ. नजमा हेपतुल्ल से बीरेन सिंह सरकार को सदन में बहुमत साबित करने का आदेश देने के लिए गुजारिश करेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगी। प्रदेश कांग्रेस के नेता इस सिलसिले में पार्टी की रणनीति बनाने में सक्रिय हो गए हैं। 

बीजेपी के तीन विधायकों ने पार्टी छोड़ने के साथ ही विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। पार्टी और विधायक पद से त्याग पत्र देने वाले भाजपा सदस्यों में सैमुअल जेंदाई (तमेंगलॉन्ग, विधानसभा सीट), टी.टी. हाओकिप (हेंगलेप, विधानसभा सीट) तथा कोईबम सुभाष चंद्र (नाओरिया प्रखंगलाक्पा (विधानसभा सीट) शामिल हैं। इस तीनों ने विधासभा अध्यक्ष वाई. खेमचंद को अपना त्याग पत्र सौंप दिया है। 

राज्य के मंत्री एवं गठबंधन सरकार में सहयोगी पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) चार सदस्यों ने भी बुधवार को इस्तीफा दे दिया था। मंत्री पद से इस्तीफा देने वालों में उप मुख्यमंत्री वीई. जॉय कुमार, युवा कल्याण एवं खेल मंत्री लेपापा हाओकिप, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एल. जयंत कुमार और मत्स्य मंत्री एन. कायिसी शामिस है। इन विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपा। साथ ही तृणमूल विधायक टी. रोबिन्द्रो तथा निर्दलीय विधायक मोहम्मद अशबुद्दीन ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। 

कांग्रेस के पूर्व विधायक श्याम कुमार को भाजपा में शामिल होने के कारण अयोग्य ठहराये जाने के बाद 60 सदस्यों वाली विधानसभा में अभी 59 सदस्य हैं। वहीं कांग्रेस से सात सदस्यों को भाजपा में शामिल होने के लिए विधानसभा में प्रवेश करने से रोक लगी हुई है। विधानसभा अध्यक्ष खेमाचंद ने इन विधायकों के भाग्य का फैसला 22 जून को करेंगे, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि इस मामले पर न्यायाधिकरण आज चर्चा करेगा।  

इबोबी ने कहा कि कांग्रेस के पास मौजूदा समय में 27 सदस्य हैं तथा एमपीपी के चार सदस्यों तथा एन निर्दलीय और एक तृणमूल कांग्रेस विधायक का समर्थन पार्टी को प्राप्त है। इस तरह के 59 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सहयोगियों के साथ 33 सदस्यों को समर्थन हासिल है।  उन्होंने कांग्रेस के साथ सदस्यों को अयोग्य ठहराये जाने के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि उनके पास बहुमत है क्योंकि भाजपा के सिर्फ 18 सदस्य हैं और उसे पांच अन्य सदस्यों का समर्थन हासिल है। इस तरह से भाजपा के पास 23 सदस्यों को समर्थन है। कांग्रेस के सात सदस्यों को अयोग्य ठहराये जाने के बाद भी 26 सदस्य रहेंगे।  राज्य में शुक्रवार को राज्यसभा का भी चुनाव होने वाला है। इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से टी. मंगीबाबबू तथा बीजेपी की ओर से मणिपुर के पूर्व राजा महाराज लेइशेम्बा चुनावी समर में हैं। 
 

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