कुछ ही मिनटों के भीतर गुजरात और जम्मू-कश्मीर में भूकंप से दहशत फैल गई है। गुजरात के राजकोट में रात 8.13 मिनट पर 5.5 तीव्रता का भूंकप आया है। भूकंप का केंद्र कच्छ जिले के भचाऊ में बताया गया है। राजकोट, जामनगर, गिर सोमनाथ, जूनागढ़ के अलावा अहमदाबाद समेत अन्य स्थानों पर भी झटके महसूस किए गए। कई मकानों में दरारें पड़ गई हैं तो कुछ जगहों से मकानों के छते से मलबा गिरा है। कुछ ही देर बाद रात 8 बजकर 35 मिनट पर जम्मू-कश्मीर के कटरा में भी 3.0 तीव्रता का भूकंप आया है।
गुजरात के राजकोट में धरती हिलते ही लोग घरों के बाहर निकले। लोगों ने बताया कि झटके काफी तेज थे और कई सेकंड तक वह इसे महसूस करते रहे। कई जगह मकानों में दरारें पड़ गई हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भूकंप के तुरंत बाद राजकोट, कच्छ और पाटन जिले के कलेक्टरों से बात की है और स्थिति का जायजा लिया है। सीएम कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई है।
भूकंप की वजह से दहशत में आए लोग घरों से बाहर निकले, लेकिन कुछ ही देर बाद यहां तेज बारिश होने की सूचना है। सोशल मीडिया पर अहमदाबाद के कुछ निवासियों ने कहा है कि भूकंप के बाद बादल भी गरजने लगे और तेज बारिश शुरू हो गई। गुजरात में विशेष रूप से कच्छ में अक्सर हल्के भूकंप के झटके महसूस किये जाते हैं। उनकी तीव्रता 1 से 3 के बीच होती है। पर आज का झटका तेज था। गुजरात में भूकंप से लोगों के 2001 के जख्म हरे हो जाते हैं, जब 26 जनवरी के दिन सुबह आए भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए थे। कई शहर, कस्बे और गांव मलबे के ढेर में बदल गए थे। उस दिन भूकंप का केंद्र कच्छ में था और तीव्रता 6.9 थी।
दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में बीते एक-डेढ़ महीनों के दौरान एक दर्जन से अधिक छोटे भूकंप आए हैं। कोरोना संकट के बीच जब अधिकतर लोग घरों में थे तो बार-बार भूकंप के झटकों ने चिताएं बढ़ाईं लेकिन भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे भूकंप से ज्यादा खतरा नहीं है बल्कि ये बड़े भूकंप के खतरे को कम कर सकते हैं।