पशुपालन विभाग : फर्जी टेण्डर- यूपी सचिवालय ठगी का अड्डा, गैंग का पर्दाफाश…

Dr. Shailendra Srivastava:


लखनऊ। दिनांक 14-06-2020, एसटीएफ को उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग में फर्जी टेण्डर के माध्यम से धोखाधड़ी कर 9 करोड़ 72 लाख रूपये की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश कर चार जालसाजों 1-आशीष· राय पुत्र श्री निवास राय निवासी म0नं0 डी-3/132 विभवखण्ड गोमतीनगर लखनऊ, मूल निवासी ग्राम रायपुर थाना रानी की सराय जनपद आजमगढ़, 2-रजनीश दीक्षित पुत्र स्व0 चन्द्रशेखर दीक्षित निवासी म0नं0-बी-372 राजाजीपुरम, लखनऊ, 3-धीरज कुमार देव पुत्र श्याम लाल निषाद निवासी म0नं0-के-104, ग्रीनवुड अपार्टमेन्ट गोमतीनगर विस्तार जनपद लखनऊ व 4-ए.के. राजीव उर्फ अखिलेश कुमार पुत्र गया प्रसाद निवसी म0नं0 पी-1, नेहरू इन्कलेव गोमती नगर जनपद लखनऊ को गिरफ्तार करने तथा उनके पास से कुल रूपया 28,32,000/- नगद व 2 अदद कूटरचित परिचय पत्र एक में उ.प्र. शासन क्र.सं.- 25 वर्ष – 2018, एस.के. मित्तल, पद उप निदेशक, खरीद(पशुपालन विभाग), जो प्रमुख सचिव, पशुपालन, मत्स्य एवं दुग्ध विभाग उ.प्र. शासन द्वारा निर्गत किया गया है, जिस पर उ.प्र. शासन का लोगो है, बरामद करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

आवेदक मन्जीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू पुत्र स्व0 देवेन्द्र सिंह नि0 बगला नं.-4, 25 पुरनीता कालोनी बिचोेली हप्सी, इन्दौर मध्य प्रदेश का पशुपालन विभाग में उनके साथ टेण्डर के माध्यम से धोखाधड़ी कर 9 करोड़ 72 लाख की ठगी करने के सम्बन्ध में दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र की एसटीएफ द्वारा जाँच की जा रही थी।
जाँच के क्रम में एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि पशुपालन विभाग उ0प्र0 के विधानसभा सचिवालय स्थित सरकारी कार्यालय में कुछ सरकारी कर्मियों एवं उनके सहयोगियों द्वारा अपने पद एवं सरकारी कार्यालय एवं संसाधनों का दुरूपयोग कर आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है, जिसके सम्बन्ध में प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, उ.प्र. द्वारा एसटीएफ की मुख्यालय की एक टीम गठित कर कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।
एसटीएफ टीम द्वारा उक्त शिकायत से सम्बन्धित शिकायतकर्ता तथा उसके सहयोगीगण से सम्पूर्ण घटनाक्रम की जानकारी की गयी। तत्पश्चात आरोपीगण को पूछताछ हेतु एसटीएफ कार्यालय पर बुलवाया गया, वहां उनसे पूछताछ की गयी। इसी क्रम में शिकायतकर्ता द्वारा थाना हजरतगंज जनपद लखनऊ में इस सम्बन्ध में मु.अ.सं.- 107/2020 धारा-406, 419, 420, 467,468, 471, 120 बी भा.द.वि. व 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधि0 1988 पंजीकृत कराया गया, जिसके विवेचक क्षेत्राधिकारी, गोमतीनगर व प्रभारी निरीक्षक, हजरतगंज जनपद लखनऊ अपनी टीम के साथ एसटीएफ मुख्यालय उपस्थित आये तथा पूछताछ के मध्य आरोपीगण 1-आशीष राय, 2-रजनीश दीक्षित व 3-धीरज कुमार द्वारा जुर्म स्वीकार करने एवं उनके विरूद्ध प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर एसटीएफ व लखनऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया तथा चौथे अभियुक्त ए.के. राजीव को उसके नेहरू इन्क्लेव स्थित घर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से उपरोक्त बरामदगी की गयी।
गिरफ्तार अभियुक्त आशीष राय ने पूछताछ पर बताया कि पशुपालन विभाग उ0प्र0 के विधानसभा सचिवालय स्थित कार्यालय के प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, उमेश मिश्र सहायक समीक्षा अधिकारी, धीरज कुमार देव (निजी सचिव) संविदाकर्मी और होमगार्ड रघुबीर यादव एवं सचिवालय के सरकारी चालक विजय कुमार आदि के सहयोग से विधानसभा सचिवालय स्थित एक कमरे को एस.के. मित्तल, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग की तख़्ती लगाकर उपयोग करता हूँ। जिसमें मुझे एस.के. मित्तल के रूप में प्रतिरूपित किया जाता था। इन्हीं लोगों के साथ मिलकर मैंने मन्जीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू से फर्जी वर्क आर्डर जारी कर कई बार में रू0 9,72,12,000/- धोखाधड़ी कर लिया। इस अपराधिक कृत्य मेें मोन्टी गुर्जर, रूपक राय, संतोष मिश्र, ए.के. राजीव कथित पत्रकार, अमित मिश्र, उमाशंकर तिवारी, डी.बी.सिंह (दिल बहार सिंह यादव) अरूण राय एवं अनिल राय पत्रकार भी सहयोगी रहे हैं। प्रत्येक बार मंजीत सिंह भाटिया से टेण्डर के एवज में पैसा मिलने पर सभी को उनकी जिम्मेदारी के अनुरूप हिस्सा मेरे द्वारा दिया जाता था। इस धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ धन नगद रूप से मेरे विभवखण्ड स्थित आवास पर रखा है एवं इस अपराधिक कृत्य से संबंधित दस्तावेज पत्रकार ए.के. राजीव के विश्वासखण्ड स्थित आवास पर रखे हैं, जिन्हेें मैं चलकर बरामद करा सकता हूँ।
गिरफ्तार अभियुक्त रजनीश दीक्षित ने पूछताछ पर बताया कि वह वर्तमान में मा0 राज्यमंत्री पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास उ0प्र0 शासन का प्रधान निजी सचिव के पद पर कार्यरत है। विधानसभा सचिवालय मेें अलग कार्यालय आवंटित है। मंत्री जी के प्राइवेट निजी सचिव धीरज कुमार देव के माध्यम से आशीष राय से सम्पर्क हुआ था, जिनके प्रस्ताव पर एवं करोड़ो रूपये के लोभ में आकर विधानसभा सचिवालय के सरकारी कमरे को कथित एस.के. मित्तल, उप निदेशक, पशुपालन विभाग उ.प्र. का कार्यालय बताकर आशीष राय को उसमें अधिष्ठापित कराने में सहयोग प्रदान किया, जिससे मंजीत सिंह भाटिया ने झांसे में आकर आशीष राय को उपनिदेशक समझा और टेण्डर के नाम पर कई बार में करोड़ो रूपये दिये। आशीष के साथ मिलकर हम लोगों ने मंजीत को कूटरचित वर्कआर्डर भी दे दिया, जिसके एवज में उसे कई बार में लाखों रूपये प्राप्त हुये।
गिरफ्तार अभियुक्त धीरज कुमार देव ने पूछताछ में बताया कि वह सचिवालय में संविदा पर चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्त है। उसने धन के लोभ में आकर विधानसभा सचिवालय के सरकारी कमरे को कथित एस.के. मित्तल, उप निदेशक, पशुपालन विभाग उ.प्र. का कार्यालय बताकर आशीष राय को उसमें अधिष्ठापित कराने में सहयोग प्रदान किया, जिससे मंजीत सिंह भाटिया ने झांसे में आकर आशीष राय को उपनिदेशक समझा और टेण्डर के नाम पर कई बार में करोड़ो रूपये दिये। आशीष के साथ मिलकर हम लोगों ने मंजीत को कूटरचित वर्कआर्डर भी दे दिया, जिसके बदले उसको मोटा धन प्राप्त हुआ था।

गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना हजरतंगज, लखनऊ में पंजीकृत मु0अ0 सं0-107/2020 धारा-406, 419, 420, 467,468, 471, 120 बी भा0दवि0 व 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधि0 1988 में दाखिल कराया गया है। अग्रेतर कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

वहीँ दूसरी और यूपी सरकार ने अचानक ही वरिष्ठ आईएएस महेश गुप्ता को सचिवालय प्रशासन सहित वर्तमान पद से हटाकर अपर मुख्यसचिव राज्यपाल बनाया है। उनके स्थान पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव को पदस्थापित किया गया है। अब हेमंत राव अपर मुख्य सचिव के रूप में पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, सचिवालय प्रशासन का कार्य देखेंगे। इसके पीछे मुख्य कारण सचिवालय कर्मियों के ठगी में लिप्त होने का मामला हो सकता है।

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