कोरोना से देश का हाल बदतर होता जा रहा है। स्थिति ऐसी है कि शमशानों और कब्रिस्तानों में शवों को जलाने व दफनाने के लिए लाइन लग रही है। दिल्ली में यदि कोरोना संक्रमण से मृतकों की संख्या बढ़ती जाएगी तो कब्रिस्तान में जगह कम पड़ जाएगी। पहले आम शवों को दफनाने के लिए चार फुट का गड्डा खोदना पड़ता था, लेकिन कोरोना के शवों को दफनाने के लिए 12 से 15 फुट का गड्ढा खोदना पड़ता है।
जदीद कब्रिस्तान अहले इस्लाम के मैनेजिंग कमेटी में असिस्टेंट सेक्रेटरी एडवोकेड मसरूर हसन ने बताया कि हमारे यहां कब्रिस्तान में एक अप्रैल से अब तक 235 बॉडी दफनाने के लिए आई हैं। यदि इसी तरह मृतकों के शव आए तो जगह कम पड़ जाएगी। उन्होंने बताया कि कोरोना शवों को दफनाने के लिए 15 फुट का गड्ढा खोदना पड़ता है। इसके लिए जेसीबी का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पैसा मृतकों के परिजन देते हैं। मसरूर ने बताया कि दुआ यहां पढ़ी जाती है, लेकिन शवों को नहलाने के साथ अन्य जो क्रियाएं होती हैं। शव को छुआ नहीं जाता है। शव प्लास्टिक में लपेटा होता है। इसे रस्सी की सहायता से शव को कब्र में डालते हैं।
कोरोना वायरस महामरी का संक्रमण वैसे तो देश के कई राज्यों में बढ़ रहा है लेकिन महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश में इसकी रफ्तार काफी तेज है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों की पड़ताल करने पर पता चला कि बीते 10 दिनों में इन राज्यों में बड़ी संख्या में नए मामले सामने आए हैं।दिल्ली में 15 दिन पहले जहां रोजाना करीब एक हजार मामले आते थे, वहीं अब औसतन 1300 मामले रोज दर्ज किए जा रहे हैं।