आज मोबाइल के बिना किसी का काम नहीं चलता है। मोबाइल ने कई तरह से काम आसान कर दिए हैं, लेकिन यह एक लत के समान भी हो चुका है। लोग फोन का इतना ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं कि अब तो रात को सोते-सोते मोबाइल देखते हैं और सुबह उठते ही पहला काम मोबाइल चेक करना होता है। लेकिन सुबह उठते ही मोबाइल का इस्तेमाल सेहत के लिए अच्छा नहीं है। साथ ही यह और भी तरह से नुकसान पहुंचाता है।
हमेशा अपने दिन की शुरुआत बिना किसी तनाव और चिंता के शांति से करना बेहतर होता है। अगर सुबह उठते ही मोबाइल हाथ में लिया तो फोन मैसेजेस, ई-मेल्स, रिमांडर, इंस्टाग्राम पोस्ट्स आदि से भरा होता है, जो चिंता और तनाव की वजह बन सकता है। नींद से उठते ही अगर सोशल मीडिया चेक करने लगते हैं तो दिमाग उसी में बंध जाता है और गैर-जरूरी जानकारियों से भर जाता है। दिन की शुरुआत तनाव और चिंता से करना सेहत के लिए ठीक कतई नहीं है।
सुबह उठते ही मोबाइल फोन चेक करते हैं तो न चाहते हुए भी चिड़चिड़ापन आ जाता है। सुबह के रूटीन की शुरुआत मोबाइल से होने पर स्वभाव में बदलाव आ सकता है। इसका कारण यही है कि सुबह उठकर मोबाइल में अलग कोई ऐसी बात देख ली जो नकारात्मक है तो इसका सीधा असर मूड पर पड़ता है। बात-बात पर गुस्सा आना भी इसकी वजह से हो सकता है।
सुबह का पहला काम मोबाइल देखना हो तो नोटिफिकेशन देखने के बाद कई बाद दिमाग उसी विषय में सोचने लगता है। इससे दूसरे काम में मन नहीं लगता और ऐसा होने पर कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।
रात को सोते समय भी मोबाइल और उठते समय भी मोबाइल देखने वालों के साथ तो स्थिति और खराब हो सकती है। नियमित रूप से ऐसा रूटीन फॉलो करने वाले डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। इसकी वजह तुलना भी हो सकती है। सुबह उठते ही फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप स्टेटस आदि देख लेने से कई बार लोग तुलना में फंस जाते हैं। दूसरों की जीवनशैली देखकर परेशान हो जाते हैं और खुद से तुलना करने लगते हैं, जिसकी वजह से डिप्रेशन की स्थिति तक आ सकती है।
अगर जरूरी काम न हो तो मोबाइल चेक करने की जगह सुबह की शुरुआत अन्य जरूरी कामों से करें। डॉ. मेधावी अग्रवाल का कहना है कि सुबह की दिनचर्या का व्यक्ति के मेटाबॉलिज्म पर काफी असर पड़ता है। मेटाबॉलिज्म को सही रखना मूड को ठीक करने और पूरे शरीर को ऊर्जावान रखने के लिए बहुत जरूरी है।
-एक अच्छी नींद के बाद सुबह उठने के बाद खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में नींबू मिलाकर पिएं। इससे पाचन तंत्र साफ रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। नींबू में मौजूद तत्व मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं।
-व्यायाम को रोज का रूटीन बनाएं। योग, एरोबिक्स, वेट लिफ्टिंग या अन्य व्यायाम जो अच्छा लगता हो।
-मेडिटेशन भी रूटीन में शामिल करने पर दिमाग और मन शांत रहेगा।
-परिवार के साथ बैठकर अखबार पढ़ सकते हैं।
-सुबह की पूरी दिनचर्या करने के बाद ही मोबाइल देखें।