Dr.S.KSrivastava,Lucknow.
लखनऊ 09 जून ।राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डा.मसूद अहमद ने प्रदेश सरकार पर अपने कर्मचारियों के माध्यम से समय समय पर साम्प्रदायिकता की भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा है कि गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज की प्राचार्या डा.आरती लालचन्दानी के कोरोना के संक्रमण से सम्बन्धित एक सम्प्रदाय विशेष के विरूद्ध एक माह पूर्व दिए गए बयान पर कोई कार्यवाही न होना इस विषय का स्पष्ट प्रमाण है।
डा.अहमद ने कहा कि विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि डा.लालचन्दानी मेडिकल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर बनना चाहती हैं और उन पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का वरदहस्त है।यही कारण है कि वे भाजपा और संघ के एजेण्डे के आधार पर बयान देकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रभावित करके अपनी स्वार्थ सिद्धि करना चाहती थी।डा लालचन्दानी ने स्पष्ट रूप से बयान दिया था कि तब्लीगी जमात के लोगों को वी.आई.पी. ट्रीटमेंट देने के बजाय जेल में डाल देना चाहिए अथवा जंगल में छोड़ देना चाहिए।प्रदेश सरकार की पारदर्शिता यह थी कि ऐसी साम्प्रदायिक डाक्टर को तत्काल आपराधिक कृत्य के आधार पर बर्खास्त कर दिया जाता तथा मुकदमा पंजीकृत कराकर जेल भेजा जाता परन्तु ऐसा कुछ नहीं किया गया।आम जनता का ध्यान हटाने की दृष्टि से डा.लालचन्दानी का स्थानांतरण कानपुर से झाँसी किया गया है जो सरकार की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास भूलकर केवल अपने गुप्त एजेण्डे पर चलना ही अपना मूलमंत्र बना रखा है।मौखिक रूप से यही मंत्र प्रत्येक विभाग में प्रमुख कर्मचारियों को भी समझाया गया है और वे सभी कर्मचारी तदनुसार कार्य कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के संरक्षण में कर्मचारियों का इस प्रकार का कृत्य देश की एकता और अखण्डता के लिए दीमक का कार्य करेगा और हमारी गंगा जमुनी तहजीब की नींव को खोखला करेगा।। सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी प्रदेश प्रवक्ता
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