दिल्ली विश्वविद्यालय ने पहली बार आयोजित होने जा रही ओपन बुक परीक्षा की तिथि जारी कर दी है। इसके अनुसार, सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं 1 जुलाई से 11 जुलाई के बीच आयोजित होंगी। यह डेटशीट केवल रेगुलर, एसओएल, एनसी वेब अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए जारी की गई है।
शनिवार को ही डीयू ने सभी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को एक पत्र लिखकर ओपन बुक परीक्षा के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी भी तय की है। परीक्षा के बारे में विवरण डीयू की वेबसाइट पर भी प्रकाशित कर दिया गया है।डीयू के डीन एग्जामिनेशन प्रो. विनय गुप्ता ने कॉलेजों के प्रिंसिपल को लिखे पत्र में कहा है कि कॉलेज को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परीक्षाओं के लिए शेड्यूल ठीक से अधिसूचित हों। यही नहीं, छात्रों को व्यक्तिगत ई-मेल भेजकर उनको परीक्षा की तिथियों की जानकारी देने केलिए कहा गया है। कॉलेज छात्रों के साथ आधिकारिक ई-मेल और एसएमएस सेवाओं का उपयोग करने के अलावा, व्हाट्सएप या किसी मैसेजिंग एप के जरिए भी जानकारी साझा कर सकता है। डीयू के निर्देश में कहा गया है कि जिन छात्रों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है वह कॉलेज में परीक्षा दे सकते हैं।देश के दूर-दराज वाले जिन इलाकों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वहां के हजारों छात्रों को डीयू ने केंद्र सरकार की पंचायतों में बनाए गए कॉमन सर्विस सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाने की सलाह दी है। मुख्यत: इसका उपयोग जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर के राज्यों में रहने वाले छात्र कर सकते हैं। यह सेवा नि:शुल्क होगी।ओपन बुक परीक्षा के प्रावधान के अनुसार, दिव्यांग छात्रों को अलग से 2 घंटे दिए जाएंगे।डीयू की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि ओपन बुक परीक्षा का संचालन ठीक से हो सके, इसके लिए डीयू पोर्टल पर एक सप्ताह पहले छात्रों के लिए मॉक टेस्ट उपलब्ध कराएगा।डीयू के 51 हजार से अधिक छात्रों के बीच ऑनलाइन सर्वे में 85 फीसदी छात्रों ने ओपन बुक परीक्षा को नकार दिया था। शिक्षक संगठन द्वारा आयोजित सर्वे में पूछा गया था कि वर्तमान हालात में क्या आप यूनिवर्सिटी परीक्षा के लिए अपने को तैयार मानते हैं। इसके जवाब में 90.5 फीसदी छात्रों ने कहा कि वे परीक्षा के लिए ही तैयार नहीं हैं। वहीं, 85 फीसदी छात्रों ने वर्तमान हालात में परिवार को ओपन बुक ऑनलाइन परीक्षा और उससे जुड़ी व्यवस्था के लिए तैयार नहीं माना था।डीयू ने भले ही ओपन बुक परीक्षा की डेटशीट जारी कर दी है लेकिन अधिकतर शिक्षक-छात्र अभी भी इसके विरोध में हैं। कुछ शिक्षक संगठनों ने कुलपति से यह डेट शीट वापस लेने की मांग की है। डीयू में विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य पंकज गर्ग का कहना है कि डीयू को सीएससी के माध्यम से परीक्षा का प्रावधान करने से पहले उसकी वस्तुस्थिति का पता लगाना चाहिए। हमारे छात्रों के लगातार मैसेज आ रहे हैं कि नेटवर्क की दिक्कत के कारण उनके खेतों में, छत पर जाना पड़ रहा है। डीयू प्रशासन छात्रों को धोखा दे रहा है।ओपन बुक परीक्षा कराना नियमों का उल्लंघन डीयू विद्वत परिषद और कार्यकारी परिषद के शिक्षक प्रतिनिधियों ने डीयू के कुलपति को पत्र लिखकर तुरंत संभावित परीक्षा की तिथियों को वापस लेने की मांग है। सदस्यों का कहना है कि ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा का निर्णय न केवल छात्र विरोधी है, बल्कि विश्वविद्यालय के नियमों का भी उल्लंघन है।ऑनलाइन ओपन-बुक परीक्षा में छात्रों को सवालों के जवाब देते समय अपने नोट्स, पाठ्य पुस्तकों और अन्य स्वीकृत सामग्री की मदद लेने की अनुमति होती है। छात्र अपने घरों में बैठकर वेब पोर्टल से अपने-अपने पाठ्यक्रम के प्रश्न पत्र डाउनलोड करेंगे और दो घंटे के भीतर उत्तर-पुस्तिका जमा करनी होगी।डीयू के परीक्षा विभाग का कहना है कि जो छात्र किसी कारणवश ओपन बुक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे, उनके लिए सितंबर में फिजिकल उपस्थिति में परीक्षा कराई जा सकती है। स्नातक और परास्नातक के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने के निर्णय पर उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है। न्यायालय ने ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया। डीयू ने कोरोना के मद्देनजर पहली जुलाई से ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। जस्टिस जयंत नाथ ने डीयू को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई से पहले जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होगी।