जफराबाद नगर पंचायत में वित्तीय अनियमितता के प्रयास का मामला आ रहा सामने

Alok  Verma. A Jaunpur Bueauro,

जफराबाद नगर पंचायत में वित्तीय अनियमितता के प्रयास का मामला आ रहा सामने

जौनपुर। नगर पंचायत जाफराबाद में मनमाने तरीके से ठेकेदारों से मिलकर नियमों की धज्जी तथा वित्तीय अनियमितता के प्रयास का मामला लगातार सामने आ रहा है। कार्य पहले करा दिया जा रहा है, टेंडर बाद में
में हो रहा है। सवाल यह है कि टेंडर में पारदर्शिता कैसे होगी ? वर्क आर्डर किसको दिया जाएगा, भुगतान किसको और कैसे होगा ? जब कार्य हो गया तो टेंडर की पारदर्शिता वैसे ही खत्म हो गई। क्या यह सब सेटिंग पहले से ही तय है ?

बीते जनवरी 2024 को नगर पंचायत के वार्डो में कुल 41 सी सी टीवी कैमरा लगाए गए। उक्त सभी कैमरे का सेंटर नगर पंचायत कार्यालय में बनाया गया है। यहीं से नगर पंचायत के सभी कैमरों की मॉनिटरिंग की जाती है। उक्त सभी कैमरों का खर्च 14 लाख रुपए बताये जा रहे है। मजे की बात यह है कि 7 महीने बाद जुलाई माह में नगरपंचायत अध्यक्ष तथा अधिशासी अधिकारी के हवाले से जेम पोर्टल पर टेंडर निकाला गया। नियमों को ताख पर रखकर मनमाना करने का मामला सामने आ रहा है। इसके पीछे मंशा क्या भुगतान कर बंदरबाट होना है। चर्चा का विषय बना हुआ है।

पुल पर सुंदरीकरण के लिए खर्च हुए 10 लाख। टेंडर और भुगतान मे झोल।

जाफराबाद नगर पंचायत में स्थित नाव घाट गोमती पुल पर बीते 26 जनवरी 2024 को तत्कालीन उपजिलाधिकारी व अधिशासी अधिकारी लाल बहादुर एवं वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष ने कैमरे के साथ पुल के सुंदरीकरण कार्य का भी उद्घाटन किया। जनता में खूब वाहवाही लूटा। सेल्फी जोन भी बनाया गया। सुंदरीकरण कार्य के लिए 10 लाख खर्च हुआ। यह रुपया किसका और किस मद से खर्च हुआ, कार्य का टेंडर हुआ या नहीं जांच का विषय है ?
मामले में अधिशासी अधिकारी विजय कुमार सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने एक बार फिर फोन पर जानकारी देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा जो भी जानकारी चाहिए कार्यालय पर आकर पूछेंगे तभी दे पाऊंगा। कह कर जानकारी देने से इनकार करते हुए पल्ला झाड़ लिया।
इस मामले में अपर जिलाधिकारी गणेश प्रसाद सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने नगर पंचायत अध्यक्ष तथा अधिशासी अधिकारी के इस हरकत पर आश्चर्य जताया। खुद उनके मुंह से निकल गया कि इस कार्य का भुगतान किसको और कैसे किया जाएगा ? उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी को मामले में स्पष्टीकरण के लिए पत्र लिखा गया है। स्पष्टीकरण के बाद कार्यवाही होगी।

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