महाराष्ट्र सरकार को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बयान के बाद शुरु हुई सियासी घमासान थमता दिख रहा है। राहुल गांधी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच बातचीत हुई है। वहीं, मंगलवार देर शाम को ही राहुल गांधी ने मीडिया पर अपने बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया था।।मंगलवार को राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस डिसीजन मेकर नहीं है। सरकार चलाने और समर्थन करने में काफी फर्क होता है। राहुल गांधी की शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मंत्री अदित्य ठाकरे से भी बात हुई है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के अन्य घटकदलों के बीच कोई मतभेद नहीं है। कांग्रेस को कोई नाराजगी भी नहीं है। एमवीए की सप्ताह में कम से कम एक बार बैठक होती है। इसलिए, बुधवार की बैठक के ज्यादा मायने नहीं निकालने चाहिए।
राहुल गांधी ने मंगलवार रात वीडियो कांफ्रेसिंग के वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा था कि मीडिया ने उनके बयान को गलत समझा। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा को सवाल खड़े करने है, तो करे। विपक्ष को सवाल करना भी चाहिए यह लोकतंत्र के लिए अच्छा है। इससे सरकार को फायदा होता है। पर राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करना लोकतांत्रिक ठांचे को उखाड़कर फेंकना जैसा है। भाजपा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है।