आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,
जौनपुर पहुंचे धनंजय सिंह, लोगों ने किया जोरदार स्वागत
जौनपुर । बरेली जेल से रिहा होने के बाद आज बाहुबली पूर्व सांसद धनन्जय से अपने घर पहुंचे तो उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया , ढोल नगाड़े के साथ धनन्जय सिंह जिन्दा बाद के नारे लगाए ।
गुरुवार को जौनपुर की सड़कों पर भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा। हजारों लोग सड़क पर थे। लोगों की आंखों में आंसू और जुबान पर जिन्दाबाद के नारे थे लोग अपने नेता को एक नज़र देखने को बेताब थे। भीड़ मे युवा भी थे बुर्जुग और महिलाए भी। मौका था पूर्व सांसद धनंजय सिंह के जौनपुर आगमन का। पूरे दो माह बाद जेल से रिहाई के बाद पूर्व सांसद ने जिले की सीमा में प्रवेश किया तो उनके चाहने वाले स्वागत मे उमड़ पड़े।
गौर तलब है कि एक कथित अपराधिक मामले में 05 मार्च को अदालत द्वारा सज़ा सुनाए जाने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जिला कारागार भेज दिया गया था। बीते 27 अप्रैल को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व सांसद को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। लेकिन इससे पहले ही प्रशासन ने उन्हें जौनपुर जेल से बरेली केन्द्रीय कारागार भेज दिया। दो दिन की कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद बुद्धवार की सुबह पूर्व सांसद धनंजय सिंह बरेली जेल से निकले तो उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी। हजारों समर्थक स्वागत के लिए सड़कों पर आ गए लेकिन दोपहर होते होते उन्हें तब मायूसी हुए जब पता चला कि धनंजय सिंह अपने अध्यात्मिक गुरु का आर्शीवाद लेने कैंचीधाम चले गए।
गुरुवार को जैसे ही खबर लगी की पूर्व सांसद धनंजय सिंह बिजेथुआ महावीरन धाम पर हनुमान जी का दर्शन करके जौनपुर की सीमा में प्रवेश कर चुके है वैसे ही धनंजय के चाहने वाले घरों से निकलने लगे। रुधौली बाजार, बड़ागांव, सराय मोहिद्दीनपुर से लेकर शाहगंज और खेतासराय तक जगह जगह जनता का हुजूम उमड़ पड़ा। व्यापारी दुकानों से निकल आये और सब ने पूर्व सांसद का गर्मजोशी से स्वागत किया। विश्व प्रसिद्ध गुरैनी मदरसे मे पहुंच कर धनंजय सिंह ने लोगों से दुआ की दर्खास्त की शाम 05:00 बजे जब शहर के अपने आवास पर पहुंचे तो यहाँ भी समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा बैण्ड-बाजे के साथ लोगों ने अपने नेता का जोरदार स्वागत किया।
इस मौके पर मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे चुनाव न लड़ने के लिए घेराबंदी की जा रही थी , मेरी पत्नी को बीएसपी ने प्रत्याशी बनाया है मैं चुनाव में भागीदारी न कर सकूं इसके लिए भी घेराबंदी की गई । लेकिन इस विषम परिस्थितियों में मेरी पत्नी ने मोर्चा सम्भला लिया, मेरे साथ जो अन्याय हुआ उसे जनता देख रही इस वजह से मुझे जाति मजहब से उठकर सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है।