जौनपुर की सियासत में पिछले 22 बरसों से धनंजय सिंह ने अपनी अलग जगह बनाई

आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,

 

जौनपुर की सियासत में पिछले 22 बरसों से धनंजय सिंह ने अपनी अलग जगह बनाई

 

जौनपुर की सियासत में पिछले 22 बरसों से धनंजय सिंह ने अपनी अलग जगह बनाई है। 2002 में 27 कई उम्र में तत्कालीन रारी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक बनने के बाद धनंजय सिंह 2004 में लोकसभा चुनाव में उतरे और 150000 से ज्यादा वोट लेकर पूरे देश मे चर्चा में आ गए।
अपने कुशल व्यवहार और जनसेवा की बदौलत धनंजय सिंह जनता के बीच लोकप्रिय होते गए। 2007 में पुनः जद यू से विधायक बनने के बाद 2009 में बसपा से लोकसभा के लिए चुने गए।
2014 के लोकसभा चुनाव में किसी भी दल से टिकट न मिलने के बाद निर्दल चुनाव लड़े और हार का सामना करना पड़ा।
कई चुनाव नजदीकी से हारने के बाद भी जनता के बीच बने रहे और 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले एक मामले में दोषी करार दिए जाने से बसपा ने उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी को प्रत्याशी बनाया है।
इस चुनाव में कृपा शंकर सिंहभाजपा से जिनकी कर्मभूमि मुंबई रही है और सपा के बाबूसिंह कुशवाहा जो बाँदा के निवासी हैं इनके सामने हैं। धनंजय सिंह के लगातार 22 बरसों से जनता के बीच रहने से दोनों प्रत्याशी हल्के पड़ रहे हैं।
आनेवाले चुनाव में अभी तो श्री कला धनंजय सिंह सबसे आगे हैं और सबसे बड़ी बात उनके साथ हर जाति धर्म के लोग जुड़े हैं।

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