रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए नगर पालिका के लिपिक और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी, मौके से अधिशासी अधिकरी फरार

आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,

रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए नगर पालिका के लिपिक और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी, मौके से अधिशासी अधिकरी हुए फरार

जौनपुर। 5 अप्रैल। नगर पालिका परिषद के ठेकेदार द्वारा एंटी करप्शन टीम वाराणसी मंडल वाराणसी ने छापेमारी करके एक लिपिक और एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। घटना का पूरा विवरण इस प्रकार है कि मोहल्ला जहांगीराबाद निवासी रामानंद उर्फ रमेश गुप्ता जो नगर पालिका के ठेकेदार हैं। ठेकेदार द्वारा नाली वह करेंगे का निर्माण कराया गया था। जिसमें बिल पास करने के नाम पर अधिशासी अधिकारी नगर पालिका द्वार साड़ी 16% कमीशन मांगा जाने लगा। जब भी पास करने की बात रामानंद द्वारा की जाती तो अधिशासी अधिकारी पुरानी बात दोहरा देते थे। इनके हरकतों से उभकर ठेकेदार ने इसकी लिखित शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को दिया। जिसमें एक लाख पैसठ हजार रूपयों में केमिकल लगाकर शुक्रवार के दिन यह टीम नगर पालिका पहुंची। अधिशासी अधिकारी से जब पैसा देने की बात की गई तो उन्होंने अपने अकाउंटेंट टीएन सिंह के पास यह कहकर भेज दिया कि पैसा वहां दीजिए बिल लेकर आएंगे हम पास कर देंगे। रामानंद एंटी करप्शन की टीम के साथ अकाउंट सेक्शन में गए और रुपए दे दिया। टीएन सिंह ने पास में रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सनी वाल्मीकि को रुपया अलमारी में रखने के लिए कहा इतने में टीम ने दोनों को दबोच लिया। दोनों के हाथ धुलवाए गएं। लाल रंग निकालने लगा। टीम दोनों को अपने कब्जे में लेकर लाइन बाजार थाने ले गई वहां अभियोग पंजीकृत कर दोनों को अपने साथ लेकर चले गए। यह बात पूरी तरह खुल गई की अधिशासी अधिकारी ठेकेदारी के मामले में लंबा कमिशन मांगते हैं। और जैसे ही यह कार्रवाई शुरू हुई अधिशासी अधिकारी समेत अकाउंट सेक्शन के सभी कर्मचारी मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए हैं।लगभग 3 बजे पहुंची पत्रकारों की टीम ने देखा कि अधिकांश कुर्सियां खाली पड़ी हुई है। भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का यह मामला जहां चरम सीमा पर है वहीं यह बात कहना गलत नहीं होगा कि अभी कुछ माह पूर्व नगर पालिका के एक कर्मचारी को इसी टीम में रिश्वत लेते समय गिरफ्तार किया था। हां एक बात जरूर कही जाएगी की अकाउंटेंट लिपिक के साथ चतुर श्रेणी कर्मचारी अपने अधिकारी के आदेश का पालन करने में वह भी नपं गया है। अब चर्चा यह है कि लगातार एंटी करप्शन की कार्रवाई जहां चल रही है वहीं क्या नगर पालिका में फैले हुए भ्रष्टाचार पर रोक लग पाएगी। यह अपने में एक अलग सवालिया निशाना बना हुआ है।

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