डीएम दफ्तर में फूट-फूटकर रो पड़ा एक परिवार, लोगों की नम हुई आँखें

आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,

Shiraz-e-Hind Jaunpur

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डीएम दफ्तर में फूट-फूटकर रो पड़ा एक परिवार, लोगों की नम हुई आँखें

 

जौनपुर। गुरूवार को कलेक्ट्रेट परिसर में एक परिवार के पुरूष, महिलाएं और बच्चे फूट-फूटकर रो पड़े। परिजनों के आंखों से बह रही आसुओं की धारा और उनकी दर्दभरी दास्ता सुनकर मौके पर मौजूद लोगों की भी आंखे नम हो गयी। इस कुनबे का आरोप है कि उसके पड़ोसी ने झासा देकर उसके मकान के कागजात को गिरवी रखकर लाखों रूपये बैंक से लोन ले लिया, उसने बैंक का पैसा नही लौटाया तो बैंक ने उसके मकान की नीलामी कराने के लिए नोटिस चस्पा कर दिया है। पीड़ित परिवार स्थानीय पुलिस, एसपी से गुहार लगायी लेकिन कही से कोई राहत नही मिली।
लाइनबाजार थाना क्षेत्र के विशेषरपुर मोहल्ले के निवासी सीताराम विश्वकर्मा का पुरे परिवार के साथ आज डीएम के दरबार में अपनी गुहार लगाने के लिए पहुंचे थे डीएम कार्यालय में मौजूद नही थे उनके स्थान पर एक अधिकारी ने प्रार्थना पत्र लिया पढ़ने के बाद उन्होने हाईकोर्ट जाने की सलाह दिया।

साहेब का जवाब मिलने के बाद मायूस परिवार बाहर निकलते ही फूट फूटकर रो पड़ा। रोते-विलखते हुए सीताराम ने बताया कि सन् 2006 में उसे पैसों की सख्त आवश्कता थी। उसने अपने पड़ोसी जितेन्द्र अग्रहरि से पैसा मांगा। जितेन्द्र ने कहा कि मेरे पास पैसा नही है यदि पैसा लेना है तो मेरी जान पहचान बैंक आॅफ बड़ौदा में जान पहचान है आप घर का कागज गिरवी रखकर पैसा दिलवा सकता हूं। मैंने उनकी बात मानकर अपने घर का कागज लेकर जितेन्द्र के साथ बैंक गया वहां पर जहाँ-जहाँ कहा बैंक के कागजातों पर मैंने हस्ताक्षर कर दिया और साथ ही उन्होंने मेरे मकान का कागजात ले लिया और कहा कि आप जाइये जल्द ही लोन पास करके तुम्हें लोन मिल जायेगा। जब लोन नहीं मिला तब मैंने बैंक मैनेजर से पूछा कि मेरा लोन कब मिलेगा तो उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही मिल जायेगा। दिनांक 02.09.2023 को बैंक मैनेजर व उनके साथ बैंक सहकमी प्रार्थी के घर पहुँचकर नीलामी की नोटिस चस्पा कर दिये। तब मैंने मैनेजर से पूछा किस बात को नोटिस चस्पा किये हैं, उन्होंने कहा कि जाकर जितेंद्र अग्रहरि से बात करो मैं जितेंद्र अग्रहरि के घर कई बार गया तो उनसे मुलाकात नहीं हुई। फिर दिनांक 14.02.2024 को प्रातः 8 बजे प्रार्थी जितेन्द्र अग्रहरि के घर जा रहा था रास्ते में जितेन्द्र अग्रहरि व उनकी पली सुधा से मुलाकात हो गई। मैंने कहा कि आप लोग मुझे विश्वास में लेकर मेरे साथ विश्वासघात किया है। आप लोग पैसा जमा कर दीजिए नहीं तो मेरा घर नीलाम हो जायेगा। इस पर दोनों लोग आग बबूला हो गये और माँ बहन की भ‌द्दी-मद‌दी गालियां देते हुए कहा कि साले भाग जाओ नहीं तो मारकर हाथ पैर तोड़ देंगे, जो करना हो कर लो।

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