ब्यूरो,
इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद सपा और कांग्रेस के बीच पैदा हुई तल्खी पोस्टरवार के बाद और बढ़ने लगी है। दोनों दलों के कार्यकर्ता अपने-अपने नेताओं को भावी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बताकर एक दूसरे को पीछे छोड़ने में लगे हैं। ताजा विवाद लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय के पास लगी एक होर्डिंग से शुरू हुआ है, जिसमें राहुल गांधी को 2024 में प्रधानमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को 2027 में मुख्यमंत्री बनाने की अपील की गई है। इससे पहले सपा कार्यकर्ता भी अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री के तौर पर पेश कर चुके हैं। लखनऊ में सपा कार्यालय के आसपास कई होर्डिंग लगाई जा चुकी हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर भी दोनों दलों की खींचतान चल रही है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ टिकटों का समझौता न हो पाने पर अखिलेश यादव की बेहद तल्ख प्रतिक्रिया के बाद विवाद ठंडा करने की कवायद शुरू हुई तो दोनों दलों ने अपने-अपने खेमे को संयत होकर बोलने का संदेश दिया। इसका भी बस इतना ही फायदा हुआ कि तल्ख बयानबाजी रुक गई लेकिन सियासी मैदान पर एक दूसरे को मात देने का ‘खेल’ नहीं बंद हुआ।
इसी बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सीतापुर जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री मो. आजम खान से मिलने जाने का ऐलान करके सपा खेमे को फिर नाराज कर दिया। खुद अखिलेश यादव भी इस मामले में प्रतिक्रिया देने से खुद को रोक नहीं पाए। अखिलेश यादव ने कहा कि सबको आजम खान से मिलने जाना चाहिए, लेकिन उस समय लोग कहां थे जब आजम खां को फंसाया जा रहा था। कांग्रेस के नेता भी आजम खां को फंसाने में लगे थे। रही सही कमर गुरुवार को सपा प्रवक्ता फखरूह हसन चांद ने पूरी कर दी। उन्होंने कहा कि भाजपा से प्रतिनियुक्ति पर कांग्रेस में आकर प्रदेश अध्यक्ष बने अजय राय के आजम खान साहब से मिलने से कांग्रेस के पाप धुलने वाले नहीं हैं। सपा आजम खान के साथ मज़बूती से खड़ी है।