ब्यूरो,
बरेली के लखीमपुर खीरी में मोहम्मदी क्षेत्र के गांव की महिला अपने बीमार पति को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल लाई, जहां उसकी मौत हो गई। गरीबी के चलते अपने पति के शव को घर ले जाने के लिए गिड़गिड़ा कर सहायता मांगती रही। शव को ले जाने के लिए सरकारी व्यवस्था न होने के चलते करीब तीन घंटे बाद एक सामाजिक कार्यकर्ता ने उसे सहारा देते हुए उसके पति के शव को भिजवाने और अंतिम संस्कार की व्यवस्था कराई।
गांव सहिजना निवासी ललिता ने अपने बीमार पति सतीश गौतम (40) की हालत बिगड़ने पर इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान सतीश ने दम तोड़ दिया। सदमे में आई पत्नी अपने पति के शव को गांव पहुंचाने के लिए गिड़गिड़ाती रही। अस्पताल वालों के पास इंतजाम ही नहीं थे। जानकारी होने पर सामाजिक कार्यकर्ता शिवम राठौर ने मौके पर पहुंचकर उसके पति के शव को गांव पहुंचाने के लिए साधन मुहैया कराकर अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था कराई।
घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने पर गांव प्रधान अरुण यादव द्वारा संवेदना दिखाते हुए पीड़िता को धन मुहैया कराकर हर संभव सहायता करने का भरोसा दिलाया। दर्जा राज्यमंत्री लोकेंद्र प्रताप सिंह ने इस बाबत अधीक्षक से रिपोर्ट मांग कर उच्च अधिकारियों को फोन पर अवगत कराया है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने महिला के साथ हुई घटना शेयर की जिसके बाद महिला को मदद मिल पाई।
हालांकि सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस पर भी सवाल खड़े किए कि महिला को सरकारी मदद क्यों नहीं मिली। महिला को शव पहुंचाने और अंतिम संस्कार की व्यवस्था के लिए सरकारी मदद मिलनी चाहिए थी। इसपर लोगों ने जांच की मांग की है।