कमलनाथ के गढ़ में धीरेंद्र शास्त्री की दिव्य कथा आज से, हजारों लोगों के आने का अनुमान

नेटवर्क ब्यूरो

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ में शनिवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की दिव्य रामकथा होगी। इसके मुख्य यजमान कमलनाथ के बेटे सांसद नकुल नाथ हैं।

छिंदवाड़ा जिले के सिमरिया में शनिवार से बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की दिव्य रामकथा होगी। इस कथा में मुख्य यजमान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बड़े बेटे और छिंदवाड़ा सांसद नकुल नाथ हैं। दिव्य रामकथा 7 अगस्त तक चलेगी। प्रतिदिन दोपहर चार बजे से शाम सात बजे तक कथा होगी। आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पूरी टीम और सुरक्षाकर्मी नागपुर हाइवे रोड स्थित शहनाई लॉन में ठहरेंगे। कथा सुनने आए लाखों श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। खास तौर पर प्लाईवुड की फ्लोरिंग और वॉटर प्रूफ पंडाल श्रद्धालुओं को सुविधाजनक माहौल देंगे।

छिंदवाड़ा में आयोजित हो रही राम कथा में ढाई लाख स्क्वायर फीट में वॉटर प्रूफ पंडाल बनाया गया है। 100x 800 फीट के तीन हिस्सों में श्रद्धालुओ के वॉटर प्रूफ पंडाल लगा है। पूरे पंडाल में जमीन पर प्लाईवुड की फ्लोरिंग है। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कथास्थल पर चार दिन निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है।

होर्डिंग-बैनर से पटा छिंदवाड़ा 
धीरेंद्र शास्त्री की राम कथा को लेकर पिछले दिनों से बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार चल रहा है। शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग-बैनर लगे हैं। अधिकांश होर्डिंग्स में पीसीसी चीफ कमलनाथ और सांसद नकुल नाथ के फोटो हैं। फोर व्हीलर और टू-व्हीलर की पार्किंग के लिए बड़ा मैदान आरक्षित है। कथास्थल से कुछ दूरी पर नागपुर रोड से आने वाले वाहनों की पार्किंग है। सिमरिया मंदिर के सामने रोड के दूसरी ओर टू-व्हीलर की पार्किंग की व्यवस्था है। छिंदवाड़ा रोड पर तीन स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था है।
कमलनाथ होंगे कथा में शामिल
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को दिव्य रामकथा में शामिल होंगे। सांसद नकुल नाथ सपत्नीक तीन दिवसीय कथा में मौजूद रहेंगे। पंडित धीरेंद्र शास्त्री की रामकथा के लिए भव्य और आकर्षक स्टेज बनाया है। पीछे थर्माकोल का मंदिर बनाया है। हनुमान जी समेत अन्य देवी-देवता उसमें विराजित है।एक हजार पुलिसकर्मी तैनात, भारी वाहन प्रतिबंधित
छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा ने बताया कि कथा के लिए अन्य जिलों समेत 1000 पुलिसकर्मी और कर्मचारी रामकथा में सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था में लगे हैं। कथास्थल के आसपास भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित किया गया है।

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