नागपुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया के अच्छे देशों के पास ढेर सारे विचार हैं और एक विचारधारा या एक व्यक्ति किसी देश को बना या बिगाड़ नहीं सकता। वह यहां राजरत्न पुरस्कार समिति की ओर से आयोजित पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे।
भागवत ने कहा, ‘एक व्यक्ति, एक विचार, एक समूह, एक विचारधारा किसी देश को बना या बिगाड़ नहीं सकती। दुनिया के अच्छे देशों के पास हर तरह के विचार होते हैं। उनके पास सभी तरह की व्यवस्थाएं भी होती हैं और वे इन्हीं व्यवस्था के साथ आगे बढ़ रहे हैं।’
शिवाजी की तारीफ
नागपुर के पूर्व शाही घराने-भोंसले परिवार के बारे में उन्होंने कहा कि यह परिवार संघ के संस्थापक के बी हेडगेवार के समय से आरएसएस से जुड़ा था। भागवत ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की स्थापना की और दक्षिण भारत को अपने समय में अत्याचारों से मुक्त कराया। वहीं नागपुर के भोंसले परिवार के शासन में पूर्व और उत्तर भारत को अत्याचारों से मुक्त कराया गया था।
भागवत के बयान पर उठा था विवाद
मोहन भागवत ने इसी महीने की शुरुआत में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि सत्य ही ईश्वर है। सत्य कहता है कि मैं सर्वभूति हूं। रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है। ऊंच-नीच नहीं है। शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं, वह झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंचनीच में अटककर हम गुमराह हो गए हैं। हमें भ्रम दूर करना है। उनके इस बयान पर विवाद उठा था। उनकी विचारधारा पर सवाल खड़े किए गए थे। आरोप लगा था कि वह देश के बांटना चाहते हैं।
मदनी ने किया था आमंत्रित
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना असअद मदनी ने मोहन भागवत को आमंत्रित किया था। रामलीला मैदान में चल रहे जमीयत के महाअधिवेशन में उन्होंने 12 फरवरी को अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत जी और उनके अनुयायियों को सादर आमंत्रित करते हैं। आइए, आपसी भेदभाव, द्वेष और अहंकार को भूलकर एक-दूसरे से हाथ मिलाएं और अपने प्यारे देश को दुनिया का सबसे विकसित, आदर्श और सुपर पावर और शांतिपूर्ण देश बनाएं।