बिहार में फिर जहरीली शराब से 8 की मौत:6 लोगों की आंखों की गई रोशनी , सैनिटाइजर के लिए स्प्रिट मंगाकर बनाई शराब

ब्यूरो,

राबबंदी वाले बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब ने कहर मचाया है। सीवान जिले में पिछले 24 घंटों में जहरीली शराब पीने से 7 की मौत हो गई है। एक मौत गोपालगंज में भी हुई है।

14 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर है। इनमें 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। ऐसा कहा जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। ADG जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि सैनिटाइजर बनाने के लिए कोलकाता से स्प्रिट मंगाई गई थी, उसी से शराब बनी थी। 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

जहरीली शराब के अधिकतर मामले जिले के लकड़ी नवीगंज OP थाना क्षेत्र के बाला और भोपतपुर गांव में हैं। रविवार शाम को अचानक एक-एक करके मरीज सदर अस्पताल आने लगे। देर शाम अस्पताल पहुंचते वक्त एक व्यक्ति की मौत हो गई। रात में दो और लोगों ने दम तोड़ दिया। सोमवार सुबह से अब तक 5 लोगों की जान चली गई। सोशल मीडिया और गांव के लोगों का कहना है कि मरने की संख्या 8 से ज्यादा है। 41 दिन पहले छपरा में 70 से ज्यादा मौतों हो गई थीं।

जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की हालत गंभीर है। सीवान में 2 लोगों का इलाज चल रहा है। बाकी 12 लोगों रेफर किया गया है। 3 लोग इलाज के लिए गोरखपुर और 9 लोगों को पटना लाया गया है।

स्थानीय लोगों ने जहरीली शराब पीने की बात कही है। प्रशासन ने अभी कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। परिजन को मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी गई है। पूरे गांव में अफरातफरी का माहौल है।

सीवान के DM अमित कुमार पांडे का कहना है कि अभी कुछ नहीं कह सकते हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। आखिर इतने लोगों की मौत क्यों हो रही है और तबीयत क्यों खराब है, यह जांच का विषय है। घटना के बाद सीवान सदर अस्पताल और बाला और भोतपुर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं।

इधर, सीवान मामले पर ADG जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शराब बनाने के लिए कोलकाता से सैनिटाइजर बनाने के नाम स्प्रिट मंगाई गई थी। इसे 18 जनवरी को मुजफ्फरपुर के ट्रांसपोर्टर के माध्यम से लाई गई थी। अब तक कुल 4 लोगों की मौत हुई है। 7 का इलाज चल रहा है। सारण के DIG मौके पर जांच करने पहुंच गए हैं।

सोहेला देवी ने बताया कि पति धुरेधर मांझी रविवार की रात शराब पीकर घर लौटे थे। इसी दौरान उनकी तबीयत खराब होने लगी। आंखें लाल होने लगीं। उनको दिखाई नहीं दे रहा था। इसके उन्हें लकड़ी नबीगंज अस्पताल ले गए। वहां से उन्हें सीवान अस्पताल भेज दिया गया। जिसके बाद देर रात करीब 12 बजे पटना ले जाने के दौरान अमनौर में उनकी मौत हो गई है। धुरेधर के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं।

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