केंद्र सरकार ने लॉकडाउन-4 के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं 31 मई तक बंद रहेंगी, जबकि बाजार खोलने पर अंतिम फैसला राज्य सरकारों को लेना है। दिल्ली में व्यवसायिक गतिविधियों को खोलने के लिए दिल्ली सरकार सोमवार को ऐलान करेगी। दिल्ली सरकार कंटेनमेंट जोन को छोड़कर दिल्ली के बाकी इलाकों में बाजार, दुकान खोलने के पक्ष में है। बाजारों को खोलने के लिए ऑड-ईवन जैसे नियमों का सहारा लिया जाएगा।
दिल्ली सरकार कंटेनमेंट जोन के बाहर दुकानें खोलने की इजाजत देगी। दुकानों पर एक समय पर पांच से अधिक लोग नहीं एकत्र हो सकेंगे। दिल्ली में मॉल खोलने के लिए भी सरकार ने योजना तैयार कर ली है। मॉल में अंदर बने रेस्तरां में बैठकर खाना नहीं खाया जा सकेगा। मॉल में बनी दुकानों पर भी पांच व्यक्तियों वाला नियम लागू होगा। दिल्ली के अंदर डीटीसी और क्लस्टर बसें चलाने के भी पक्ष में है। इसके लिए भी जल्द ही योजना बनाकर दिल्ली में लागू किया जाएगा। वहीं पहले की ही तरह लॉकडाउन-4 में भी शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक घरों से निकलने पर पाबंदी रहेगी। इसका सख्ती से पालन करना होगा। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश आने के बाद ट्वीट करते हुए कहा रविवार को कहा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन-4 को लेकर जो दिशा निर्देश दिए हैं, वे ज्यादातर दिल्ली वालों की मांग के अनुसार हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लाखों लोगों के सुझाव के बाद सरकार ने अपने सुझाव केंद्र को भेजे थे। इनमें से ज्यादातर को मान लिया गया है। सरकार सोमवार को ही व्यवसायिक गतिविधियों को खोलने की योजना तैयार कर जनता के साथ साझा करेगी।
सीटीआई चैंबर्स ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के संयोजक बृजेश गोयल के अनुसार हमारी तरफ से दिल्ली सरकार को बाजार खोलने को लेकर सुझाव दिए गए थे। इसमें ऑड-ईवन के आधार पर बाजार नियमित तौर पर खोलने का प्रस्ताव रखा गया था। इन सुझावों को दिल्ली सरकार से सहमति मिली थी। दिल्ली सरकार को अब औपचारिक फैसला लेना है, जिसके तहत जल्द इस पर आदेश जारी होने की संभावनाएं हैं।
सरकार के फैसले से व्यापारियों में उत्साह है। वहीं, कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने दिल्ली सरकार से दिशा-निर्देशों के साथ बाजार खोलने की मांग की है। कैट दिल्ली प्रदेश के संरक्षक व दिल्ली हिदुस्तानी मार्केटाइल्स एसोसिएशन के निवर्तमान प्रधान सुरेश बिंदल के अनुसार, रमजान का महीना भी चल रहा है। ऐसे में भीड़ जुटने की संभावनाएं हैं। नियम पालन सुनिश्चित करवाने के लिए व्यापारिक संगठन काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करे।