कोरोना संक्रमण से 62 साल के शमशुद्दीन की शनिवार को नोएडा के जिम्स में मौत हुई। उनके तीन बेटे सेक्टर 38 ए स्थित कब्रिस्तान में दफनाने आए। सेक्टर 8 निवासी इस व्यक्ति के जनाजे की नाम के बाद जब दफनाने ले जाया गया उस वक्त सिर्फ तीनों बेटों ने पीपीई किट पहनी हुई थी, जनाजे को उठाने में दिक्कत हो रही थी। अब तीनों बेटे की नजर नोडल अधिकारी राकेश ठाकुर पर थी। उन्होंने जनाजे को कंधा दिया और कब्र के पास तक ले गए। नोडल अधिकारी राकेश ने कहा समाज में मदद के दौरान खतरा कई बार भुला देना पड़ता है, मेरी इस अंतिम संस्कार को कराने की जिम्मेदारी है, इसी जिम्मेदारी को समझते हुए मेने अपना कंधा जनाजे को दिया।
सेक्टर 8 निवासी शमसुद्दीन की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। मौत के बाद उनके तीनों बेटे सेक्टर 38 ए स्थित कब्रिस्तान में पहुंचे। जनाजे की नमाज के बाद दफीना के लिए जब जनाजे को उठाने की बारी आई तो उनके तीनों बेटों ने पीपीई किट पहन जनाजे को उठाया, लेकिन इनको जनाजे को उठाने में दिक्कत आ रही थी और बाकी लोग आगे आने के लिए तैयार नहीं थे।
ऐसे में नोडल अधिकारी राकेश ठाकुर खुद आगे आये और उन्होंने जनाजे को कंधा दिया और तीनों बेटे के साथ वह जनाजे को कब्र तक लेकर पहुंचे और दफीना की प्रक्रिया को पूरा कराया। वह भी पीपीई किट पहने हुए थे और अंतिम संस्कार के लिए साथ आये थे। उन्होंने कहा कि हमारी भी कोई जिम्मेदारी है और समाज में मदद के दौरान कई बार खतरों को भूलना होता है।