ब्यूरो,
एक दशक पूर्व करोड़ों की लागत से मेरठ के लोहियानगर में बने कांशीराम आवास में बड़ा खेल हो गया है। 79 आवास को मूल आवंटियों ने बेच दिया। 152 को किराये पर उठा दिया। 346 आवासों में ताला लटका मिला।
एक दशक पूर्व करोड़ों की लागत से मेरठ के लोहियानगर में बने कांशीराम आवास में बड़ा खेल हो गया है। 79 आवास को मूल आवंटियों ने बेच दिया। 152 को किराये पर उठा दिया। इतना ही नहीं 346 आवासों में ताला लटका मिला। साफ है कि गरीबों के आवास के नाम पर घर आवंटित तो करा लिया, लेकिन लोग रह नहीं रहे हैं। अब ऐसे कुल 577 आवासों के मूल आवंटियों को डीएम के आदेश पर कारण बताओ नोटिस जारी कर 72 घंटे में जवाब मांगा गया है।
अधिकारियों के अनुसार, गत दिनों विधायक डॉ. सोमेन्द्र तोमर ने शिकायत की थी कि लोहियानगर स्थित कांशीराम आवास योजना में भारी गड़बड़ी हो रही है। कई मूल आवंटियों ने आवासों को बेच दिया है तो किसी ने किराये पर उठा रखा है। इस गंभीर शिकायत पर डीएम दीपक मीणा ने चार सदस्यीय प्रशासनिक जांच टीम का गठन किया। टीम ने मौके पर जाकर कई दिनों तक जांच की। जांच में पाया कि मामला गड़बड़ है। टीम को 1504 आवासों में 577 में प्रथम दृष्टया गड़बड़ी मिली।
जांच रिपोर्ट के अनुसार 79 आवासों को बेच दिया गया। 152 आवासों को मूल आवंटियों ने किराये पर उठा दिया। मूल आवंटी कहीं और निवास करते हैं। इतना ही नहीं जांच टीम को कई बार जाने के बाद भी 346 आवासों में ताला लटका मिला। रिपोर्ट के बाद अब डीएम के निर्देश पर डूडा पीओ चंद्रभान ने इन सभी 577 आवंटियों को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में कहा गया है कि यदि उन्हें कोई आपत्ति है तो 24 सितंबर तक लिखित आपत्ति दर्ज कराएं। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डीएम के निर्देश पर एमडीए सचिव चंद्रपाल तिवारी, अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, एसीएम(चतुर्थ) और पीडब्लूडी के एक्सईएन ने जांच की थी। जांच टीम में डूडा के पीओ भी शामिल रहे।