राहुल भट की हत्या से सरकार अलर्ट, कॉलोनियों की हुई सुरक्षा समीक्षा; सेना का बढ़ेगा रोल

ब्यूरो,

गुरुवार को बडगाम के चडूरा के तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क 45 वर्षीय राहुल भट की उनके दफ्तर में ही हत्या कर दी गई थी। भट अपनी पत्नी और पांच साल की बच्ची के साथ बडगाम के शेखपुरा में रहते थे।

राहुल भट की हत्या से सरकार अलर्ट, कॉलोनियों की हुई सुरक्षा समीक्षा; सेना का बढ़ेगा रोल

जम्मू और कश्मीर में पंडित समुदाय के युवक की हत्या के बाद सरकार अलर्ट है। खबर है कि सरकार ने कर्मचारियों की सुरक्षा की समीक्षा शुरू कर दी है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में शेखपुरा के पंडितों ने श्रीनगर एयरपोर्ट की ओर रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस को भीड़ शांत करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।

खास बात है कि बीते एक साल में कश्मीर में गैर-स्थानीय, प्रवासी कर्मचारियों और पंचायत सदस्यों की हत्या के कई मामले सामने आए। लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसिओं के लिए भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। इधर, पुलिस का कहना है कि टारगेट किलिंग में शामिल अधिकांश आतंकियों को मार दिया गया है। आंकड़े बताते हैं कि घाटी में इस साल बड़े कमांडर्स समेत 62 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया है।

गुरुवार को बडगाम के चडूरा के तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क 45 वर्षीय राहुल भट की उनके दफ्तर में ही हत्या कर दी गई थी। भट अपनी पत्नी और पांच साल की बच्ची के साथ बडगाम के शेखपुरा में माइग्रेंट पंडित कॉलोनी में रहते थे।

पंडित कर्मचारी की टारगेट किलिंग के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के सभी 4 हजार कर्मचारी डरे हुए हैं। प्रधानमंत्री पैकेज के जरिए नौकरी हासिल करने वाले अधिकांश कर्मचारी में डर का माहौल है। एक पंडित कर्मचारी ने कहा, ‘हमें अपनी सुरक्षित कॉलोनियों से बाहर आने में डर लगता है। हत्या के बाद हम टारगेट किलिंग के डर से काम करने की जगह पर नहीं जाना चाहते। हमें सुरक्षा का भरोसा चाहिए।’

आज इन कर्मचारियों ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। ये विरोध खासतौर से कॉलोनियों में देखा गया, जहां दोषियों को सजा देने की मांग की जा रही थी।

अधिकारियों ने सुरक्षा समीक्षा बैठक की और प्रवासी कॉलोनियों के आसपास और उन जगहों पर सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया, जहां ये कर्मचारी काम कर रहे हैं। सेना को उन इलाकों में निगरानी के लिए कहा गया है, जहां सरकार की तरफ से पंडितों को स्थापित किया गया है।

मामले के जानकार एक अधिकारी ने कहा, ‘हर कर्मचारी को सुरक्षा देना आसान नहीं है, लेकिन उनके लिए सुरक्षित माहौल तैयार करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। घाटी में दहशत फैलाने के लिए आतंकी जानबूझकर इन कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं।’ वहीं, कश्मीर IG पुलिस विजय कुमार ने सुरक्षा संबंधी जानकारी देने से इनकार कर दिया।

नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें बडगाम जाने की अनुमति नहीं दी गई और घर में नजरबंद कर दिया गया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘उन कश्मीरी पंडितों के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए बडगाम जाना चाहती थी, जो उन्हें सुरक्षा देने में भारत सरकार की असफलता का विरोध कर रहे थे। घर में नजरबंद किया गया है, क्योंकि कश्मीरी मुस्लिम और पंडित एक दूसरे के दुख में सहानुभूति रखते हैं, जो उनके खराब सांप्रदायिक बात में फिट नहीं होती।’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा कि राहुल भट के परिवार के साथ उनके पारिवारिक संबंध थे। पूर्व मंत्री ने ट्वीट किया, ‘युवा और मासूम राहुल भट की हत्या पर दुख जाहिर करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। यह निजी क्षति है क्योंकि उनके पिता बिट्टा जी भट PSO के तौर पर कई दशकों तक मेरे साथ थे। मैंने उन्हें और उनके भाई बहनों को अपने सामने बड़ा होते हुए देखा है। राहुल से कुछ महीनों पहले मिला था।’

सागर ने कहा कि उन्होंने परिवार के साथ डिनर किया था। उन्होंने कहा, ‘मेरे परिवार ने उन्हें उनकी पत्नी के साथ खाने पर बुलाया था। युवा राहुल मुझसे मिलने और आशीर्वाद लेने आया था। मुझे नहीं पता था कि वह आखिरी बार होगा जब मैं उसे देख पा रहा हूं।’

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