ब्यूरो,
कश्मीर में बीते 24 घंटे में दो आतंकी हमलों के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। टेरर लिंक के आरोपों में तीन सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रशासनिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कश्मीर में बीते 24 घंटे में दो आतंकी हमलों के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। टेरर लिंक के आरोपों में तीन सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। कश्मीर यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री के प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन पंडित, स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के अध्यापक मोहम्मद मकबूल हजाम और पुलिस के सिपाही गुलाम रसूल को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि इन सभी लोगों को आतंकियों से सांठगांठ होने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। इससे पहले भी टेरर लिंक के आरोप में कई कर्मचारियों को हटाया गया था।
कश्मीर घाटी में बीते 24 घंटों में ही दो आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें से एक में तहसीलदार कार्यालय में काम करने वाले कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की मौत हो गई। इसके अलावा एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर की भी हत्या हुई है। राहुल भट्ट के सरेआम दफ्तर में घुसकर मर्डर के बाद से कश्मीरी पंडितों में गुस्सा है। शुक्रवार को सुबह राहुल भट्ट अमर रहेें के नारों के साथ मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। यही नहीं रात भर इस घटना के खिलाफ आंदोलन जारी रहा और लोग सड़कों पर उतर आए। कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए इस बीच राहुल भट्ट की पत्नी ने कहा कि कश्मीर में पंडित बलि का बकरा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2010 से जो कश्मीरी पंडित नौकरियों के लिए गए हैं, वे आतंकियों के टारगेट पर हैं। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर से कई बार गुहार लगाई गई थी कि उनका ट्रांसफर कर दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसी के चलते उनकी आतंकियों ने जान ले ली। यदि उनका ट्रांसफर हो जाता तो फिर उनकी हत्या नहीं होती। यही नहीं उन्होंने कहा कि किसी करीबी व्यक्ति ने ही राहुल के बारे में आतंकियों को जानकारी दी थी।