कोरोना संकट के बीच राष्ट्र के नाम अपने पांचवें संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महामारी के खिलाफ जंग जारी रखने के साथ आत्मनिर्भर भारत की मजबूत बुनियाद भी रख दी है। विषम आर्थिक हालात से निपटने के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 10 फीसदी यानी बीस लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज के साथ आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प भी लिया है। एक ऐसा भारत, जो अपने संसाधनों और क्षमताओं पर आगे बढ़ेगा। साथ ही 21वीं सदी को भारत की सदी बनाएगा।
प्रधानमंत्री का यह संबोधन पिछले संबोधनों से अलग रहा। उन्होंने कहा कि यह आपदा कुछ संकेत के साथ संदेश भी लेकर आई है, जो आत्मनिर्भर भारत का रास्ता प्रशस्त करेगा, जिसमें स्वदेशी पर जोर होगा और लोकल के लिए हमें वोकल होना पड़ेगा। उन्होंने कोरोना संक्रमण के तेजी से हो रहे फैलाव से डरने के बजाय इस जंग को, मजबूती से लड़ने, साथ में देश को पूरी ताकत से खड़ा करने का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बीते माह 14 अप्रैल को चौथे संबोधन में लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की। अब जबकि लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है तो उसमें यह पहला मौका होगा, जब मोदी कुछ कहने आए।
पहला संबोधन 19 मार्च को प्रधानमंत्री ने सबसे पहले 19 मार्च को देश को संबोधित किया और 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया। फिर लॉकडाउन की घोषणा 24 मार्च को देश के नाम दूसरे संबोधन में मोदी ने 25 मार्च से 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की। इसके बाद तीन अप्रैल को अपने तीसरे संबोधन में पांच अप्रैल को देश की जनता से 9 मिनट मांगे।