ब्यूरो,
पीसीएस 2018 का परिणाम बदला
14 प्रधानाचार्यों का चयन निरस्त
प्रयागराज/यूपी। पीसीएस 2018 के तहत जीआईसी प्रधानाचार्य पद पर चयनित 14 अभ्यर्थियों का चयन निरस्त कर दिया गया है। आयोग के परिणाम से असंतुष्ट प्रतियोगियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने सख्त आदेश जारी किए थे। इसके खिलाफ आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 15 जुलाई को एसएलपी खारिज कर हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराया था। इसके बाद आयोग को परिणाम संशोधित करना पड़ा। हालांकि हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने वाले अभ्यर्थी इस संशोधन से भी संतुष्ट नहीं हैं।
आयोग के सचिव जगदीश के अनुसार जीआईसी प्रधानाचार्य की 83 रिक्तियों का अंतिम चयन परिणाम 11 सितंबर 2020 को घोषित किया गया था। औपबंधिक रूप से सफल घोषित अभ्यर्थियों के निर्धारित अनिवार्य अर्हता न रखने के संबंध में हाईकोर्ट में अशोक कुमार व 6 अन्य ने याचिका की थी।
\हाईकोर्ट के निर्णय के अनुपालन में औपबंधिक रूप से सफल घोषित 33 में से 14 ऐसे अभ्यर्थियों का चयन परिणाम निरस्त कर दिया गया है, जिन्होंने साक्षात्कार तिथि को निर्धारित प्रारूप पर वांछित अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया था। जिनका अभ्यर्थन निरस्त हुआ है उनके अनुक्रमांक 226387, 603101, 173735, 240309, 002144, 564545, 153776, 580647, 312914, 005267, 399371, 096058, 214966 एवं 634599 हैं।
इनके स्थान पर श्रेष्ठता सूची में से 14 अभ्यर्थियों 390945, 174882, 062085, 313669, 569799, 094724, 086834, 353343, 133516, 057692, 606490, 591851 एवं 540173 का चयन किया गया है। इन अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार की तिथि को निर्धारित प्रारूप पर वांछित अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश पर दूसरी बार संशोधित हुआ परिणाम
हाईकोर्ट के आदेश पर लोक सेवा आयोग को पीसीएस 2018 का परिणाम दूसरी बार संशोधित करना पड़ा। इससे पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर आयोग ने पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम संशोधित किया था। संशोधन के बाद यूपी के बाहर की रहने वाली 160 महिला अभ्यर्थियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ देते हुए मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था।
हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 30 सितंबर 2019 को आयोग को पीसीएस 2018 प्री की महिलाओं की चयन सूची संशोधित करके जारी करने के आदेश दिए थे। यह आदेश उत्तर प्रदेश की अधिवासी महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण देने वाले शासनादेश को प्रभावहीन मानते हुए दिया गया था।
30 मार्च 2019 को जारी प्री के परिणाम में नौ जनवरी 2007 के शासनादेश के मुताबिक उत्तर प्रदेश की महिला अभ्यर्थियों को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया गया था जबकि हाईकोर्ट ने 16 जनवरी 2019 को एक मामले की सुनवाई करते हुए इस शासनादेश को खारिज कर दिया था। 30 मार्च 2019 को घोषित पीसीएस 2018 प्री परिणाम में 988 पदों के लिए 19096 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल किया गया था।
पीसीएस 2018 एक नजर में
पदों की संख्या: 988 (12 पद रिक्त)
प्रारंभिक परीक्षा: 28 अक्तूबर 2018
कुल आवेदक : 6,35,844
परीक्षा में शामिल हुए: 3,98,630
प्री का परिणाम: 30 मार्च 2019
मुख्य परीक्षा के लिए सफल: 19,096
मुख्य परीक्षा: 18 से 22 अक्टूबर 2019
मुख्य परीक्षा का परिणाम: 23 जून 2020
इंटरव्यू 15 जुलाई से 25 अगस्त 2020
अंतिम परिणाम: 11 सितंबर 2020